Wealth Inequality in India : कोरोना महामारी देश के रईसों के लिए बनी वरदान, 55 करोड़ गरीबों की संपत्ति के बराबर है केवल 98 अमीरों की संपत्ति
Wealth Inequality in India : गैर सरकारी संगठन ऑक्सफैम इंडिया की रिपोर्ट 'इनिक्वालिटी किल्स' में यह दावा किया गया है कि देश के 98 सर्वाधिक अमीर भारतीयों के पास तकरीबन 49.27 लाख करोड़ की संपत्ति है जो देश के निचले तबके के 55.5 करोड़ लोगों की कुल संपत्ति के बराबर है...
Wealth Inequality in India : कोरोनावायरस महामारी कई रईसों के लिए एक वरदान बनकर सामने आई है। कोरोना महामारी देश के 84 फीसदी परिवारों के लिए एक मुसीबत बनकर आई है तो देश के धनकुबेरों के लिए वरदान बन कर आई है। बता दें कि कोरोनावायरस महामारी के दौरान देश के अरबपतियों की साझा संपत्ति दुगनी हो चुकी है। यही नहीं अमीरों की संख्या भी 39 फीसदी बढ़कर 102 से 142 हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार देश के 10 सबसे धनी लोग ऐसे हैं, जिनके पास इतना पैसा है कि ये लोग देश के बच्चों की स्कूली और उच्च शिक्षा का 25 साल तक खर्च उठा सकते हैं।
केवल 98 अमीरों के पास 55 करोड़ गरीबों की संपत्ति
बता दें कि कोरोना महामारी के कारण पिछले 1 साल में देश के 84 फीसदी परिवारों को जीवन और आजीविका के क्षति के कारण अपनी आय में गिरावट का सामना करना पड़ा था। कई परिवारों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा था और कई परिवारों में जो नौकरी पेशा लोग थे, उनकी आय में काफी गिरावट हो गई थी। बता दें कि देश के निचले तबके के 55.5 करोड लोगों की कुल संपत्ति केवल देश के 98 अमीरों के पास है। यानी देश के 98 सर्वाधिक अमीर भारतीयों के पास तकरीबन 49.27 लाख करोड़ की संपत्ति है। बता दें कि यह अमीरों की कुल संपत्ति देश के निचले तबके के 55.5 करोड़ लोगों की कुल संपत्ति के बराबर है।
रिपोर्ट में हुआ चिंताजनक खुलासा
बता दें कि गैर सरकारी संगठन ऑक्सफैम इंडिया की रिपोर्ट 'इनिक्वालिटी किल्स' में यह दावा किया गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के 100 सबसे अमीर लोगों की सामूहिक संपत्ति वर्ष 2021 में 57.3 लाख करोड़ के उच्च स्तर पर पहुंच गई है। वहीं स्विट्जरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनामिक फोरम की ऑनलाइन एजेंडा समिट के पहले दिन ऑक्सफैम ने यह रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार देश के 142 अरबपतियों के पास सामूहिक रूप से 719 अरब डालर यानी 53 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति है।
रईसों की संपत्ति से निकल सकता है आयुष्मान भारत का खर्च
बता दें कि इस सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के 98 अरबपतियों पर यदि वेल्थ टैक्स 1 फीसदी बढ़ा दिया जाए तो विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना का 7 साल से ज्यादा समय तक का खर्च निकल सकता है। साथ ही इस रिपोर्ट में कहा गया कि 10 सबसे धनवान लोगों पर यदि 1 फीसदी अतिरिक्त टैक्स लगाया जाए तो 17.7 लाख अतिरिक्त ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराए जा सकते हैं। बता दें कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान जहां देश में आक्सीजन सिलेंडरों की भारी महामारी मची थी, वहीं आयुष्मान भारत योजना से गरीबों का निशुल्क इलाज किया गया था।
असमानता की बढ़ती जा रही है खाई
बता दें कि ऑक्सफैम के सीईओ अमिताभ बेहर का कहना है कि यह रिपोर्ट असमानता की कड़वी सच्चाई की ओर इशारा करती है। इससे पता चलता है कि असमानता की खाई प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। यह समानता प्रत्येक दिन 21,000 लोग या हर 4 सेकेंड में एक व्यक्ति को मृत्यु की ओर धकेल देती है।
महिलाओं की कमाई में गिरावट
ऑक्सफैम इंडिया की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार कोरोना महामारी ने लैंगिक समानता को 99 साल से 135 साल पीछे धकेल दिया है। साथ ही सर्वे रिपोर्ट में कहा गया कि महिलाओं की सामूहिक कमाई में वर्ष 2020 में 59.11 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है। अब 2019 की तुलना में 1.3 करोड़ कम महिलाएं कार्यरत है।
2020 में हुए भारतीय अत्याधिक गरीब
ऑक्सफैम इंडिया की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार 4.6 करोड़ से अधिक भारतीय 2020 में अत्यधिक गरीब हो गए हैं। साथ ही कहा गया कि यह संख्या संयुक्त राष्ट्र के अनुसार विश्व स्तर पर नए गरीबों के आंकड़ों की लगभग आधी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत में गरीब और वंचितों की तुलना में अमीरों को बढ़ावा देने वाली अर्थव्यवस्था के भयावह आर्थिक दुष्परिणाम सामने आए हैं।