वाह गुरुग्राम, वाह! विरोध के बीच दिखाई नई राह, अपने घर के दरवाजे खोल हिंदुत्ववादी ताकतों को दिया जवाब

अक्षय यादव ने कहा - वह अखबारों में पढ़ रहे थे कि जुमे की नमाज बाधित हो रही है। इसके बाद इस मुद्दे पर उन्होंने अपने एक किरायेदार तौफीक अहमद से बात की और अपना दुकान नमाज पढ़ने के लिए ऑफर किया।

Update: 2021-11-18 05:19 GMT

कुल लोगों ने नमाज के स्थान मुहैया करा पेश की नई मिसाल। 

Gurugram। पिछले कुछ समय गुरुग्राम के एक इलाके में शुक्रवार की नमाज पढ़ने वालों को कुछ शरारती तत्व बेवजह परेशान कर रहे थे। उन्हें खुली जगह पर नमाज पढ़ने से रोकने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाते थे। ऐसे शरारती तत्व माहौल को सांप्रदायिक और विषाक्त बनाने में लगे हुए थे। लेकिन, देर से ही सही, ऐसे कथित हिन्दुत्ववादी तत्वों की असामाजिक हरकतों का स्थानीय समुदाय ने बहुत मानवीय जवाब दिया है। ऐसा कर लोगों ने मिसाल पेश की है। इसके लिए गुरुग्राम की जितनी तारीफ की जाए वो कम है।

मुस्लिम समुदाय ने किया आमंत्रण स्वीकार

ये पहले दो स्तरों पर हुआ है। पहला स्थानीय सिख समुदाय की पहल पर गुरूद्वारे ने मुस्लिम समुदाय के लोगों को शुक्रवार की नमाज पढ़ने के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं। दोनों समुदायों के बीच इस बारे में संवाद भी हुआ है। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने उनका आमंत्रण स्वीकार भी कर लिया है।

नमाज के लिए राव साहब ने खोले घर के दरवाजे

इसी तरह गुड़गांव के उक्त इलाके में रहने वाले अक्षय यादव नामक एक स्थानीय व्यवसायी ने कुछ निवासियों और राइटविंग समूहों के विरोध के बीच नमाज के लिए मुस्लिम समुदाय को अपनी खाली दुकान दे दी। अपने दफ्तर और घर के परिसर में शुक्रवार की नमाज पढ़ने के लिए मुस्लिम समुदाय के लोगों को खुला आमंत्रण दे डाला। शख्स के मुताबिक पिछले शुक्रवार को यहां कम से कम 15 लोगों ने नमाज अदा की थी।

अक्षय यादव ने कहा कि वह अखबारों में पढ़ रहे थे कि जुमे की नमाज बाधित हो रही है, जिसके बाद इस मुद्दे पर उन्होंने अपने एक किरायेदार तौफीक अहमद से बात की। उन्होंने कहा - "मैंने उनसे कहा कि मेरे घर के पास एक खाली दुकान है, जिसका इस्तेमाल नमाज के लिए किया जा सकता है। इस इलाके में मुस्लिम समुदाय के काफी लोग ऑटो मार्केट और पास के सर्विस स्टेशनों में काम करते हैं। मैं, बस समुदायों के बीच शांति और सद्भाव की आशा करता हूं। संविधान कहता है कि प्रत्येक नागरिक को प्रार्थना करने का अधिकार है और किसी को भी इस पर आपत्ति नहीं हो सकती है।

सांप्रदायिक ताकतों की योजना नाकाम

इस तरह के सामुदायिक हस्तक्षेप से समाज का माहौल बिगाड़ने वालों की हरकतें फिलहाल नाकाम हो गई हैं।अच्छी बात है कि देश के कुछ बड़े अंग्रेजी अखबारों और एक-दो न्यूज चैनलों ने भी इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित-प्रसारित किया।

प्रशासन ने इजाजत ले ली थी वापस

बता दें कि पिछले 12 नवंबर को राइटविंग संगठन ने सेक्टर 12ए में नमाज स्थल पर यह कहते हुए डेरा डाला दिया था कि वे वहां पर वॉलीबॉल कोर्ट बनाएंगे। जबकि सरहौल में 80 से अधिक प्रदर्शनकारियों ने एक पार्क पर कब्जा कर नमाज को बाधित कर दिया था। गुरुग्राम के सेक्टर 12ए की साइट उन 37 जगहों में शामिल थी, जहां पर प्रशासन ने नमाज पढ़ने की अनुमति दी थी। लेकिन पिछले कुछ दिनों से यहां पर कुछ हिंदूवादी संगठन खुले में नमाज का विरोध करते हुए इस साइट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। काफी विवादों के बाद आखिरकार प्रशासन ने इस साइट पर से नमाज पढ़ने की अनुमति वापस ले ली थी।

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