West Bengal : सीएम ममता के चीफ एडवाइजर अलपन को जान से मारने की धमकी, कोई नहीं बचा सकता

अलपन बंदोपाध्याय को मिले धमकी भरे खत पर गौरहरि मिश्रा के हस्ताक्षर हैं। पत्र में लिखा गया है कि महोदया, आपके पति की हत्या कर दी जाएगी। आपके पति की जान कोई नहीं बचा सकता।

Update: 2021-10-27 11:05 GMT

नई दिल्ली। सामूहिक और प्रतिशोध की हिंसा के चर्चित पश्चिम बंगाल में कानून विरोधियों एक बार फिर कानून अपने हाथ में लेने चेतावनी दी है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस बार जान से मारने की धमकी ( death threat ) खुद पश्चिम बंगाल ( West Bengal ) पूर्व मुख्य सचिव और इस समय सीएम ममता बनर्जी के चीफ एडवाइजर अलपन बंदोपाध्याय ( CM Mamata Banerjee Chief Adviser ) को कथित रूप से मिली है। अलपन बंदोपाध्याय ( Alapan Bandopadhyay) विधानसभा चुनाव और उसके तत्काल बाद रूल बुक की वजह से सुर्खियों में आए थे।

पत्र पर गौरहरि मिश्रा के हस्ताक्षर

सीएम के चीफ एडवाइजर अलपन बंदोपाध्याय ने बताया कि उनकी पत्नी और कलकत्ता विश्वविद्यालय की कुलपति सोनाली चक्रवर्ती को टाइप किया हुआ एक पत्र मिला है। खत पर गौरहरि मिश्रा के हस्ताक्षर हैं। पत्र लिखने वाले का कहना है कि वह शहर के राजाबाजार विज्ञान महाविद्यालय के रासायनिक प्रौद्योगिकी विभाग में कार्यरत है। इस बारे में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस पत्र पर 22 अक्टूबर की तिथि अंकित है। पत्र में लिखा गया है कि महोदया, आपके पति की हत्या कर दी जाएगी। आपके पति की जान कोई नहीं बचा सकता। इस मामले में पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है। पश्चिम बंगाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

IAS अधिकारी रह चुके हैं अलपन

अलपन बंदोपाध्याय ( Alapan Bandopadhyay) 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने मई, 2021 में स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली थी। सेवानिवृति लेने से पहले उन्हें केंद्र सरकार ने ट्रांसफर कर दिल्ली बुला लिया था। उसके बाद उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृति लेने की घोषणा की थी। अलपन चीफ पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव के पद पर रहते हुए रूल बुक के कारण चर्चा में आए थे। एक कुशल वक्ता के रूप में अलपन बंदोपाध्याय कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार व राज्य सरकार के बीच की मुख्य कड़ी रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पश्चिम बंगाल दौरे के दौरान मीटिंग में देर से आने के कारण उन्हें नोटिस भी जारी किया गया था।

1987 बैच के टॉपर

अलपन बंदोपाध्याय की स्कूल शिक्षा नरेंद्रपुर रामकृष्ण मिशन से हुई है। इसके बाद उन्होंने प्रेसिडेंसी कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस में स्नातक किया था। पत्रकारिता से करियर की शुरुआत करने वाले अलपन बंदोपाध्याय ने 1987 में आईएएस परीक्षा में भी टॉप किया था। अलपन ममता बनर्जी के करीबी अधिकारियों में से शुमार रहे है।। उन्हें विपक्ष के राजनेता भी सम्मान देते हैं।

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