बाबा रामदेव और योगी आदित्यनाथ ने ऐसा क्या कर दिया जो नए पाठ्यक्रम के छात्रों को सिलेबस में इन्हें भी पढ़ना होगा?
बीए उर्दू के नए सिलेबस में गीतकार कुंवर बेचैन, शायर इस्माईल मेरठी, शायर बशीर बद्र, साहित्यकार विष्णु प्रभाकर सहित सुदामा पांडे 'धूमिल' की रचनाें पढ़ाई जायेंगी। वहीं उर्दू विषय के पाठ्यक्रम में उर्दू के साथ-साथ हिंदी पत्रकारिता को भी शामिल किया गया है...
जनज्वार, मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में दर्शनशास्त्र के छात्रों के लिए आए नए पाठ्यक्रम में छात्रों को योगी आदित्यनाथ सहित बाबा रामदेव को भी पढ़ना होगा। वहीं उर्दू में बशीर बद्र व कुंवर बेचैन जैसे शायरों को बी शामिल किया गया है।
यूनिवर्सिटी में हिंदी के नए पाठ्यक्रम में पश्चिमी यूपी के सात साहित्यकारों की कृतियों को शामिल किया गया है। कैंपस में नए सत्र से बीए उर्दू कोर्स भी शुरू होने की उम्मीद है। इसके अलावा कैंपस और कॉलेजों का पाठ्यक्रम एक तरह होगा।
बीए उर्दू के नए सिलेबस में गीतकार कुंवर बेचैन, शायर इस्माईल मेरठी, शायर बशीर बद्र, साहित्यकार विष्णु प्रभाकर सहित सुदामा पांडे 'धूमिल' की रचनाें पढ़ाई जायेंगी। वहीं उर्दू विषय के पाठ्यक्रम में उर्दू के साथ-साथ हिंदी पत्रकारिता को भी शामिल किया गया है।
उर्दू पाठ्यक्रम में नए-पुराने, उत्तर-पूर्व यूपी तथा स्थानिय साहित्यकारों को भी प्राथमिकता दी गई है। पाठ्यक्रम में शामिल उर्दू के साहित्यकारों में गालिब, अल्लामा इकबाल, पंडित दयाशंकर नसीम, मिर्जा सलामत अली दबीर, इंतजार हुसैन, सर सैयद व प्रेमचंद्र के अलावा नए सत्र से इस्माईल मेरठी और बशीर बद्र को भी शामिल किया गया है।
हिंदी में अमीर खुसरो, कबीरदास, रहीम, प्रेमचंद्र के साथ नए सत्र में विष्णु प्रभाकर, कुंवर बेचैन और सुदामा पांडे 'धूमिल' को शामिल किया गया है। इसके साथ ही योगी आदित्यनाथ की हठ योग साधना व रामदेव बाबा योग साधना सहित योग चिकित्सा रहस्य पुस्तक को दर्शनशास्त्र के छात्रों के लिए शामिल किया गया है।