WhatsApp Data Leak: 84 देशों के 500 मिलियन लोगों के वॉट्सऐप डेटा लीक! लगभग 60 lakh भारतीय भी शामिल

WhatsApp Data Leaked: इंस्टैंट मैसेजिंग व्हाट्सएप (WhatsApp) भारत ही नहीं दुनिया का भी सबसे पॉपुलर ऐप है। अभी के समय में 200 करोड़ से अधिक लोग व्हाट्सएप का इस्तेमाल करते हैं। इस बीच एक बार फिर से व्हाट्सएप की सुरक्षा (WhatsApp security) और प्राइवेसी (WhatsApp privacy) को लेकर डराने वाली खबर सामने आ रही है।

Update: 2022-11-28 07:48 GMT

WhatsApp Data Leak: 84 देशों के 500 मिलियन लोगों के वॉट्सऐप डेटा लीक! लगभग 60 lakh भारतीय भी शामिल 

WhatsApp Data Leaked: इंस्टैंट मैसेजिंग व्हाट्सएप (WhatsApp) भारत ही नहीं दुनिया का भी सबसे पॉपुलर ऐप है। अभी के समय में 200 करोड़ से अधिक लोग व्हाट्सएप का इस्तेमाल करते हैं। इस बीच एक बार फिर से व्हाट्सएप की सुरक्षा (WhatsApp security) और प्राइवेसी (WhatsApp privacy) को लेकर डराने वाली खबर सामने आ रही है। रिपोर्ट्स की मानें तो व्हाट्सएप के 50 करोड़ यूजर्स के डेटा ऑनलाइन बेचा जा रहा है।

साइबरन्यूज़ की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लगभग 500 मिलियन व्हाट्सएप यूजर्स का डेटा ऑनलाइन लीक कर दिया गया है और अब डेटाबेस को हैकिंग कम्युनिटी फोरम में बिक्री के लिए उपलब्ध करवाया गया है। हालांकि, व्हाट्सएप ने इस बारे में अभी तक कोई जानकारी साझा नहीं की है।

रिपोर्ट के मुताबिक, डेटाबेस में 84 देशों 487 मिलियन यूजर्स का नंबर शामिल है। हैकर ने मिस्र 45 मिलियन, इटली 35 मिलियन, सऊदी अरब 29 मिलियन, फ्रांस 20 मिलियन और तुर्की 20 मिलियन, अमेरिका के 2 मिलियन, रूस के10 मिलियन और यूके के 11 मिलियन यूजर्स का डाटा लीक किया है। डाटा लिक के इस लिस्ट में भारत 25वें पायदान पर है। भारत के 6 मिलियन (61.62 लाख) से अधिक यूजर्स का डाटा चोरी किया गया है।

इस कीमत पर बेचा जा रहा डेटा

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि धमकी देने वाला हैकर यूएस डेटासेट को 7000 डॉलर, यूके को 2500 डॉलर और जर्मनी को 2000 डॉलर में बेच रहा है। इसने भारत सहित अन्य क्षेत्रों की कीमत का खुलासा नहीं किया। फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि हैकर कैसे लाखों सक्रिय व्हाट्सएप यूजर्स के फोन नंबर इकट्ठा करने में कामयाब रहा। साइबरन्यूज के अनुरोध करने पर हैकर ने डेटा का एक छोटा सा सेट साझा किया, जिसमें यूएस से 1097 फोन नंबरों और यूके से 817 फोन नंबरों का उपयोगकर्ता डेटा शामिल है। डराने वाली बात यह है कि ये सभी नंबर एक्टिव हैं। बता दें कि लीक हुए डेटा का उपयोग हैकर्स स्पैमिंग, फ़िशिंग प्रयासों, पहचान की चोरी और अन्य साइबर आपराधिक गतिविधियों के लिए कर सकते हैं।

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