WhatsApp ने 18 लाख से ज्यादा भारतीय खातों पर लगाया प्रतिबंध, बताई ये वजह
WhatsApp : वाट्सऐप प्रवक्ता ने कहा कि जैसा कि ताजा मासिक रिपोर्ट में उल्लेख है, कंपनी ने मार्च में 18 लाख से ज्यादा खातों को प्रतिबंधित किया है....
WhatsApp : सोशल मीडिया कंपनी वाट्सऐप (WhatsApp) ने मार्च 2022 में 18 लाख से ज्यादा भारतीय खातों पर प्रतिबंध (Ban On Indian Accounts) लगा दिया। कंपनी की ओर से यह कार्रवाई यूजर्स से मिली शिकायतों और इस मंच पर सेवा शर्तों के उल्लंघन को रोकने के लिए आंतरिक व्यवस्था के तहत की गई है। कंपनी की मासिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
2021 में लागू हुए नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों (New IT Rules) के तहत पचास लाख से ज्यादा यूजर्स वाले डिजिटल मंच (Digital Platform) के लिए हर महीने अनुपालन रिपोर्ट प्रकाशित करनी जरूरी है। इस रिपोर्ट में शिकायतों और उनपर की गई कार्रवाई का विवरह होता है।
ताजा रिपोर्ट के अनुसार 1 से 31 मार्च 2022 के बीच वाट्सऐप ने 18.05 लाख भारतीय खातों के दुरुपयों की जानकारी सामने आने पर यह प्रतिबंध लगाया है। भारतीय खातों की पचान +91 फोन नंबर के जरिए की गई।
वाट्सऐप प्रवक्ता (WhatsApp Spokesperson) ने कहा कि जैसा कि ताजा मासिक रिपोर्ट में उल्लेख है, कंपनी ने मार्च में 18 लाख से ज्यादा खातों को प्रतिबंधित किया है। बता दें कि मेटा के स्वामित्व वाली वाट्सऐप ने फरवरी में 14.26 लाख भारतीय खातों पर प्रतिबंध लगाया था।
प्रवक्ता के मुताबिक वाट्सऐप ने यूजर्स की सुरक्षा के लिए पिछले कई सालों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, अन्य आधुनिक तकनीक, डेटा वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों और अन्य प्रक्रियाओं में बहुत निवेश किया है। रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2022 में 597 शिकायतों की रिपोर्ट प्राप्त हुई और 74 खातों पर कार्रवाई की गई।
इनमें से 407 'प्रतिबंध अपील' से संबंधित थे जबकि अन्य खाता समर्थन, उत्पाद समर्थन और सुरक्षाकी श्रेणियों में थे।
कंपनी की ओर से कहा गया है कि हम सभी शिकायतों का जवाब देते हैं, सिवाय उन मामलों को छोड़कर जहां एक सिकायत को पिछले टिकट पर डुप्लीकेट माना जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जब किसी खाते पर प्रतिबंध लगाया जाता है या शिकायत के परिणामस्वरूप पहले प्रतिबंधित खाते को बहाल कर दिया जाता है तो उसे एक कार्रवाई माना जाता है।
(जनता की पत्रकारिता करते हुए जनज्वार लगातार निष्पक्ष और निर्भीक रह सका है तो इसका सारा श्रेय जनज्वार के पाठकों और दर्शकों को ही जाता है। हम उन मुद्दों की पड़ताल करते हैं जिनसे मुख्यधारा का मीडिया अक्सर मुँह चुराता दिखाई देता है। हम उन कहानियों को पाठक के सामने ले कर आते हैं जिन्हें खोजने और प्रस्तुत करने में समय लगाना पड़ता है, संसाधन जुटाने पड़ते हैं और साहस दिखाना पड़ता है क्योंकि तथ्यों से अपने पाठकों और व्यापक समाज को रू-ब-रू कराने के लिए हम कटिबद्ध हैं।
हमारे द्वारा उद्घाटित रिपोर्ट्स और कहानियाँ अक्सर बदलाव का सबब बनती रही है। साथ ही सरकार और सरकारी अधिकारियों को मजबूर करती रही हैं कि वे नागरिकों को उन सभी चीजों और सेवाओं को मुहैया करवाएं जिनकी उन्हें दरकार है।
लाजिमी है कि इस तरह की जन-पत्रकारिता को जारी रखने के लिए हमें लगातार आपके मूल्यवान समर्थन और सहयोग की आवश्यकता है। सहयोग राशि के रूप में आपके द्वारा बढ़ाया गया हर हाथ जनज्वार को अधिक साहस और वित्तीय सामर्थ्य देगा जिसका सीधा परिणाम यह होगा कि आपकी और आपके आस-पास रहने वाले लोगों की ज़िंदगी को प्रभावित करने वाली हर ख़बर और रिपोर्ट को सामने लाने में जनज्वार कभी पीछे नहीं रहेगा, इसलिए आगे आयें और जनज्वार को आर्थिक सहयोग दें।)