5G की तरफ बढ़ रही पूरी दुनिया, BSNL अभी भी 4G के पुराने उपकरण खरीदने की कर रहा कोशिश : हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
कोर्ट ने कहा- "हमें यह जानकर हैरानी हुई कि पूरी दुनिया आगे बढ़ कर 5G तकनीक के इस्तेमाल पर पहुंच चुकी है, वहीं बीएसएनएल अभी भी 4G के पुराने उपकरण खरीदने की कोशिश क्यों कर रहा है। यह जनता का पैसा क्यों बर्बाद किया जा रहा है...
जनज्वार डेस्क। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शुक्रवार 5 जून को सवाल किया कि जब पूरी दुनिया आगे बढ़ कर 5G तकनीक के इस्तेमाल पर विचार कर रही है तो भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) अभी भी 4G के पुराने उपकरण खरीदने की कोशिश क्यों कर रहा है।
जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस सीबी बरोवालिया की खंडपीठ इंटरनेट सेवाओं से संबंधित मामलों में ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के निवासियों की दुर्दशा का संकेत देने वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक इस पर बीएसएनएल के वकील ने जब कहा कि बीएसएनएल ने पहले ही 4G उपकरणों की आपूर्ति के लिए निविदाएं मांगी हैं, लेकिन सरकार के विभिन्न अधिकारियों द्वारा उठाई गई आपत्तियों के कारण इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सका।
कोर्ट ने कहा- "हमें यह जानकर हैरानी हुई कि पूरी दुनिया आगे बढ़ कर 5G तकनीक के इस्तेमाल पर पहुंच चुकी है, वहीं बीएसएनएल अभी भी 4G के पुराने उपकरण खरीदने की कोशिश क्यों कर रहा है। यह जनता का पैसा क्यों बर्बाद किया जा रहा है। यह जनता के साथ-साथ इस न्यायालय दोनों के लिए चिंता का विषय है।"
कोर्ट ने आगे कहा, "उस मामले के लिए किसी भी सरकार या प्राधिकरण को यह कहने का अधिकार नहीं है कि वह बेकार खर्च में लिप्त होगा और राज्य के संसाधनों को बर्बाद करने के किसी भी प्रयास को निश्चित रूप से इस न्यायालय द्वारा रोका जा सकता है, क्योंकि यह इस तरह की बर्बादी और सार्वजनिक धन की बर्बादी को रोकने के लिए शक्तिहीन नहीं है।"
कोर्ट ने बीएसएनएल को एक व्यापक हलफनामा दायर करने के लिए कहा। कोर्ट ने कहा कि वह अभी भी 4G उपकरण के लिए प्रयास और जोर क्यों देना चाहता है, जो पूरी तरह से अप्रचलित और पुराना है और बहुत जल्द ही स्क्रैप हो जाएगा।
मामले में अगली सुनवाई के लिए 21 जून, 2021 को सूचीबद्ध किया गया है। इस बीच सेवा प्रदाताओं को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है कि अब तक बनाए गए सभी मोबाइल टावर पूरी तरह से चालू और कार्यात्मक हैं और इस संबंध में सुनवाई की अगली तारीख या उससे पहले उनके द्वारा अनुपालन रिपोर्ट दायर की जाए।
रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि जियो ने पिछले एक साल में लगभग 600 टावर बनाए हैं और ऐसे कई नए टावर लगाने का प्रस्ताव है, लेकिन रास्ते में आने वाली कठिनाई विभिन्न न्यायालयों के स्थगन आदेशों के कारण है। इस पर कोर्ट ने कहा कि ऐसे आदेशों का विवरण अनुपालन रिपोर्ट के साथ दायर किया जाए।