पत्रकार राणा अय्यूब जायेंगी जेल ? समाजसेवा और गरीबों के नाम पर करोड़ों जुटाकर अपने परिजनों में बांटने का आरोप !

जांच एजेंसी की मानें तो, 'पत्रकार राणा अय्यूब ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म 'Ketto' के माध्यम से अवैध रूप से धन जुटाया था। उन्होंने कोरोना महामारी के संकटकाल में गरीबों की मदद के नाम पर करोड़ों रुपये जुटाए थे, और उस पैसे से खुद और परिजनों के नाम पर एफडी कर दी थी...

Update: 2023-02-07 08:55 GMT

file photo

Rana Ayyub : तहलका की चर्चित पत्रकार रहीं राणा अय्यूब पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है। उन पर आरोप है कि उन्होंने गरीबों के नाम पर करोड़ों रुपये जुटाकर अपने परिवार वालों के बीच बांट दिये।

गौरतलब है कि मनी लॉड्रिंग मामले में राणा अय्यूब ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसे खारिज कर दिया गया है, जिसके बाद पत्रकार राणा अय्यूब पर गिरफ्तारी का खतरा मंडराने लगा है। राणा अय्यूब ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में गाजियाबाद की स्पेशल कोर्ट के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी। स्पेशल कोर्ट ने राणा अयूब को सुनवाई के लिए पेश होने का आदेश दिया था, मगर मुस्लिम महिला पत्रकार जांच के लिए अदालत पेश नहीं होना चाहती थीं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से चार्जशीट फाइल करने के बाद स्पेशल कोर्ट ने अय्यूब को पेश होने आदेश दिया था। पहले इस मामले की सुनवाई 27 जनवरी को की जानी थी और बाद में 31 जनवरी को शीर्ष अदालत ने सुनवाई की थी जिसका फैसला आज 7 फ़रवरी को आया है।

मुस्लिम महिला पत्रकार के तौर पर गुजरात दंगों ​​के खुलासा को लेकर राणा अय्यूब पहली बार चर्चा में आईं थीं। उनकी गुजरात दंगों पर प्रधानमंत्री मोदी पर लिखी गयी किताब काफी चर्चा में रही है। सुप्रीम कोर्ट ने राणा अय्यूब की जमानत याचिका खारिज करते हुए विशेष अदालत के समन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। राणा अय्यूब पर 2.37 करोड़ रुपए को गलत ढंग से विदेश से मंगाने का आरोप है।

जांच एजेंसी का दावा है कि'केटो' के जरिए अभियान चलाकर चैरिटी के नाम पर अवैध रूप से राणा अय्यूब द्वारा धन उगाही की गयी थी। दान के पैसे से अय्यूब पर 50 लाख रुपये की एफडी बनवाने का आरोप है। पीएम मोदी के मुख्यमंत्री रहते गुजरात दंगों पर लिखी अय्यूब की किताब खूब विवादों में रही है। ईडी ने राणा अय्यूब परऔर भी कई चौंकाने वाले खुलासे किये हैं।

जांच एजेंसी की मानें तो, 'पत्रकार राणा अयूब ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म 'Ketto' के माध्यम से अवैध रूप से धन जुटाया था। उन्होंने कोरोना महामारी के संकटकाल में गरीबों की मदद के नाम पर करोड़ों रुपये जुटाए थे, मगर उस धन का सही इस्तेमाल नहीं किया था। यही नहीं उन्होंने एकत्रित किए गए धन अपने पिता, परिवार के लोगों और खुद के नाम FD बनवा ली थी, जिसे संज्ञान में लेने के बाद ED ने राणा अय्यूब के खिलाफ मामला दर्ज कर किया गया था।'

जांच एजेंसी के इस खुलासे के बाद अब माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा अर्जी ख़ारिज होने के बाद राणा अय्यूब को कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है।

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