आपके पैसे पर अब मोदी सरकार का नया डाका, एटीएम से 5 हजार से ज्यादा निकाले तो देना पड़ेगा शुल्क
आरबीआई ने एटीएम से किए जा रहे लेनदेन के शुल्क पर पुनर्विचार करने के लिए पूर्व में एक कमेटी का गठन किया था, इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में एटीएम से एक बार में पांच हजार रुपए से ज्यादा निकालने पर यह फीस वसूलने की सिफारिश की है...
जनज्वार। पिछले कुछ वर्षों में बैंकों के लेनदेन के नियम बदले जा रहे हैं और इन पर लगने वाले चार्जेज भी बढ़ रहे हैं। अब कोरोना संकट के इस दौर में बैंक ग्राहकों को एक और झटका लगने की खबर सामने आ रही है। खबर है कि बैंकों के एटीएम से पांच हजार रुपये से ज्यादा कैश निकालने पर ग्राहकों को एक्स्ट्रा चार्ज देना पड़ सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया इस पर विचार कर रहा है।
बताया जा रहा है कि आरबीआई ने एटीएम से किए जा रहे लेनदेन के शुल्क पर पुनर्विचार करने के लिए पूर्व में एक कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में एटीएम से एक बार में पांच हजार रुपए से ज्यादा निकालने पर यह फीस वसूलने की सिफारिश की है। इसके पीछे का तर्क भी दिलचस्प है। कहा जा रहा है कि आरबीआई चाहता है कि ग्राहक ज्यादा से ज्यादा लेनदेन ऑनलाइन करें।
तर्क यह है कि एटीएम का इस्तेमाल लोग केवल पैसा जमा करने के लिए करें। साथ ही आरबीआई बड़े शहरों में एटीएम की संख्या कम करके 10 लाख से कम आबादी वाले छोटे शहरों में एटीएम का चलन बढ़ाना चाहता है।
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि अगर कमेटी की सिफारिशें मान ली जाती हैं, तो एटीएम से एक बार में 5 हजार से ज्यादा की निकासी पर बैंक ग्राहक से 24 रुपए एक्स्ट्रा चार्ज वसूल सकता है। जबकि मौजूदा व्यवस्था के तहत पांच ट्रांजैक्शन फ्री हैं।
यही नहीं, बल्कि बताया जा रहा है कि नया नियम पहले के पांच फ्री ट्रांजैक्शन में शामिल नहीं होगा। यानि कि किसी भी, अर्थात पहले पांच ट्रांजैक्शन में भी 5 हजार से ज्यादा निकालने पर 24 रुपये चार्ज देना पड़ सकता है। मौजूदा नियम के तहत अभी महीने भर में पांच ट्रांजैक्शन से ज्यादा करने पर 20 रुपए प्रति ट्रांजैक्शन चार्ज लगता है। नया नियम इसमें शामिल नहीं होगा।
यह खबर सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने इस नियम का विरोध करना शुरू कर दिया है। कई लोग ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस तरह की बातों को शेयर कर इसे ग्राहकों पर बेमतलब का अतिरिक्त बोझ बता रहे हैं और यह शुल्क लागू नहीं करने की मांग कर रहे हैं।
खबरों में कहा गया है कि आरबीआई द्वारा गठित कमेटी ने ही सिफारिश की है कि यदि कोई ग्राहक एटीएम से एक बार में पांच हजार रुपए से अधिक निकालता है तो उससे चार्ज वसुला जाए। अब यदि समिति की सिफारिशें मान ली जाती हैं तो करीब 8 साल बाद एटीएम से जुड़े नियमों में यह एक बड़ा बदलाव होगा, जो अंततः ग्राहकों की जेब पर ही भारी पड़ेगा।