Jaunpur News: चोटें दिखातीं दलित महिलाओं का वीडियो वायरल, सपा ने ट्वीट कर उठाए सवाल!
Jaunpur News: महिलाओं ने एसपी कार्यालय में इसकी शिकायत की है। महिलाओं की मांग है कि बेरहमी से मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। मामले को लेकर समाजवादी पार्टी ने सरकार को घेरा है...
Jaunpur News: कल शुक्रवार 25 मार्च को सूबे की सरकार का सपथ ग्रहण समारोह था। उसी दौरान जौनपुर के देवरिया गांव (Deoria Village) में पुलिस औरतों-बच्चों पर कहर बरपा रही थी। गांव की कुछ महिलाओं ने पुलिस पर निर्वस्त्र कर बेरहमी से पीटने आरोप लगाया है। इसके साथ ही महिलाओं ने एसपी कार्यालय में इसकी शिकायत की है। महिलाओं की मांग है कि बेरहमी से मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। मामले को लेकर समाजवादी पार्टी ने सरकार को घेरा है।
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने अपने ट्वीटर हैंडल पर एक वीडियो ट्वीट किया है जिसमें महिलाएं अपने कपड़े उठाकर तन पर लगे चोट के निशान को दिखा रही हैं। वहीं, भीम आर्मी के कुछ सदस्य शुक्रवार को देवरिया गांव में गए घटना के संबंध में जानकारी ली। लेकिन वहीं, जौनपुर पुलिस इस मामले को गलत बता रही है।
सपा ने लिखा है कि, दलितों पर अत्याचार में नंबर 1 भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में एक और शर्मसार कर देने वाली पुलिसिया करतूत आई सामने। जौनपुर के बदलापुर में पुलिस द्वारा दलित महिलाओं की बर्बर पिटाई विचलित कर देने वाली घटना है। मामले में दोषी पुलिसकर्मियों पर हो सख्त कार्रवाई, पीड़ितों को मिले न्याय।
पुलिस ने क्या कहा?
पुलिस (Jaunpur Police) अधिकारियों का कहना है कि थाने में महिलाओं के साथ किसी भी प्रकार की अभद्रता या मारपीट नहीं हुई है। फिलहाल, गांव में पुलिस तैनात कर दी गई है। बदलापुर कोतवाली क्षेत्र के देवरिया गांव में बीते 20 मार्च को जियालाल गौतम व जियावन गौतम के बीच केले के फल को काट लेने की घटना पर पहुंची पुलिस की पीआरवी टीम पर राम जियावन पक्ष के लोगों ने धावा बोल दिया था, जिसमें हेड कांस्टेबल राजेश यादव व चालक राजबिहारी को चोटें आई थी। पुलिस ने जियालाल की पुत्री राधा तथा हेड कांस्टेबल राजेश की तहरीर पर आठ लोगों पर केस दर्ज किया था। मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया था। इधर, जमानत मिलने के बाद सभी लोग जेल से बाहर आ गए। इसके बाद बड़ी संख्या में महिलाएं एसपी कार्यालय पहुंची।
जहां शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया कि पुलिस ने विपक्षियों के साथ मिलकर उन्हीं के ऊपर मुकदमा दर्ज कर दिया। पुलिस ने तो क्रूरता से महिलाओं और नाबालिग बच्चों के साथ मारपीट भी की। महिलाओं का आरोप है कि पुलिस ने इतनी बेरहमी से मारपीट की है कि चमड़ी का रंग काला हो गया।
आरोप है कि पुलिस ने न तो उनका मेडिकल कराया और न ही उनकी एक बात सुनी। उल्टा, केले के पेड़ काटने के मामले में थाने पर बुलाकर बेल्ट के पट्टे और डंडे से मारपीट की। महिला के अनुसार, मामला अंबेडकर मूर्ति के चबूतरे से संबंधित है। बस्ती के लोगों ने बाबा अंबेडकर की मूर्ति पास में स्थापित की है। इस कारण से गांव के कुछ लोग उनसे रंजिश रखने लगे। जो पुलिस के साथ मिलकर गाली दिए और अभद्रता भी की।
इस पूरे मामले में, सीओ बदलापुर अशोक सिंह ने वीडियो जारी कर बताया कि पुलिस द्वारा महिलाओं की पिटाई की बात पूरी तरह झूठ व निराधार है, क्योंकि चालान न्यायालय भेजते समय स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाता है। यदि पिटाई हुई होती तो चोट की बात रिपोर्ट में आती। वायरल वीडियो पूरी तरह से मनगढ़ंत और फर्जी है।