यमुना का कहर : खतरे के निशान से बराबर बह रही नदी, 3 दर्जन से अधिक गांव प्रभावित तो हजारों लोग बाढ़ग्रस्त

पूरा मंजर दिल दहला देने वाला सा नजर आता है। क्योंकि जिन गांवों में बनी सड़कों और खड़ंजों में बाइक और कार चला करती थी, वहाँ अब नावें चल रही हैं। हालत यह है कि न बिजली के खम्भे दिख रहे और न पेड़ पौधे, सब जल मग्न हो गए हैं...

Update: 2021-08-12 06:15 GMT

बाढ़ग्रस्त इलाके का निरीक्षण करते डीएम व पुलिस अधीक्षक (photo - mohit kashyap)

जनज्वार, कानपुर। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में यमुना नदी का रौद्र रूप कहर बरपा रहा है। बढ़े जलस्तर से यमुना नदी के किनारे स्थित गांवों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। हर तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। चारों तरफ समुद्र जैसा मंजर दिखाई दे रहा है।

यमुना (Yamuna) के आसपास रहने वाले हजारों ग्रामीण बाढ़ से प्रभावित हैं और कई गांव इसके चपेट में आकर तबाह हो गए हैं। यमुना नदी के किनारे बसे यूपी के कई जनपदों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। सीएम योगी ने यमुना नदी द्वारा मचाई गई तबाही वाले जनपदों का हवाई निरीक्षण किया था और बाढ़ प्रभावित लोगों को सहायता भी मुहैया कराई थी।

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इसके अलावा बाढ़ प्रभावित जनपदों के वरिष्ठ अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए थे, जिसके बाद से प्रशासनिक अमला हरकत में नजर आ रहा है और तेजी से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पैनी नजर बनाए रखने के साथ प्रभावित लोगों को हर संभव मदद उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहा है। कुछ यही नजारा यूपी के जनपद कानपुर देहात का है, यहां यमुना नदी ने अपना कहर बरपा रखा है।

कानपुर देहात  (Kanpur Dehat) के करीब 3 दर्जन से अधिक गांव इसकी चपेट में है और यमुना नदी खतरे के निशान के बराबर रही है। जिसको देखते हुए जिलाधिकारी जीतेंद्र प्रताप सिंह ने राहत और बचाव कार्य की कमान स्वयं संभाली है और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर बचाव कार्य और तमाम इंतजामों का जमीनी निरीक्षण कर रहे हैं, साथ ही जिम्मेदारों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं।

वहीं दूसरी तरफ यमुना के बढ़े जलस्तर के कारण सेंगुर नदी भी उफान पर है। यमुना और सेंगुर नदी की आपस में होड़ चल रही है। जहां यमुना खतरे के निशान के बराबर बह रही है, वहीं सेंगुर नदी भी हाहाकार मचाए हुए हैं जिसके चलते कानपुर देहात की दो तहसील भोगनीपुर और सिकंदरा के करीब 3 दर्जन से अधिक गांव बाढ़ ग्रसित हो गए हैं और गांवों के चारों तरफ पानी ही पानी दिख रहा है।

पूरा मंजर दिल दहला देने वाला सा नजर आता है। क्योंकि जिन गांवों में बनी सड़कों और खड़ंजों में बाइक और कार चला करती थी, वहाँ अब नावें चल रही हैं। हालत यह है कि न बिजली के खम्भे दिख रहे और न पेड़ पौधे, सब जल मग्न हो गए हैं। यमुना नदी ने करीब कानपुर देहात के 3 दर्जन से अधिक गांवों को अपनी चपेट में लेते हुए हजारों लोगों को बेघर कर दिया है, लोग अपनी और अपने परिवार के साथ-साथ जानवरों की जान बचाने के लिए जद्दोजहद करते नजर आ रहे हैं।

जलभराव से बचने के लिए लोग ऊंचे टीलों में तिरपाल के नीचे दिन में सूरज की तपिश और रात में अंधेरे की जिंदगी बसर करने को मजबूर हैं। यमुना के कहर के चलते प्रभावित 3 दर्जन से अधिक गांव के लोगों को राहत और बचाव कार्य के साथ-साथ हर संभव सरकारी मदद उपलब्ध कराने के लिए कानपुर देहात का जिला प्रशासन कवायद करता नजर आ रहा है।

जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह और पुलिस अधीक्षक केशव कुमार चौधरी लाइफ जैकेट पहनकर प्रशासनिक अमले के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहे हैं और बाढ़ प्रभावित लोगों से मिलकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं। सिकंदरा तहसील के बाढ़ प्रभावित गांव जैसलपुर गांव के मजरा महादेवा, नाव में बैठकर पहुंचे डीएम ने बाढ़ प्रभावित ग्रामीणो से बात कर अधिकारियों को सख्त दिशा निर्देश दिए और बाढ़ प्रभावित लोगों को हर संभव मदद दिलाने का आश्वासन भी दिया।

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