धर्म के ठेकेदार यति नरसिंहानंद की सलाह, हिन्दू ज्यादा बच्चे पैदा कर मुस्लिमों की बढ़ती आबादी के खिलाफ उठाएं शस्त्र
हम लोगों को सनातन धर्म की रक्षा करनी है तो जनसंख्या वृद्धि करनी होगी। हिंदू समाज को जाति-पांति का भेद त्याग कर धर्म व समाज की रक्षा हेतु कमर कस लेने की जरूरत है। वरना मुगलों की गुलामी झेलने के लिए तैयार रहना होगा...
जनज्वार ब्यूरो,लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 2022 विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं। मौके को देखते हुए तमाम धर्म धुरंधर सक्रिय हो गये हैं। धर्म परिवर्तन का मामला तूल तो पकड़े ही है वहीं दूसरी तरफ हिंदुओं की पताका यति नरसिंहानंद ने उठाने का बीड़ा ले लिया है।
प्रदेश में धर्म परिवर्तन के मामलों से संत समाज में आक्रोश देखने को मिल रहा है। डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती के साथ-साथ सैकड़ों संतों ने गुरुवार को बैठक के जरिए इस पर चिंता जताई। डासना देवी मंदिर के महंत ने कहा कि यदि सनातन धर्म को बचाना है तो हमें संतान वृद्धि करनी होगी। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म का अस्तित्व खतरे में है।
मथुरा के मसानी स्थित चित्रकूट में संत गोष्ठी का आयोजन किया गया। संत गोष्ठी में मथुरा और वृंदावन के साथ प्रदेश के कई जिलों से एकत्रित हुए संतों ने धर्म परिवर्तन के मामलों को लेकर अपने विचार व्यक्त किए। महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि आज हम लोग कमजोर होते जा रहे हैं।
नरसिंहानंद ने कहा कि हमारी कमजोरी का कारण है जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण। हम लोगों को सनातन धर्म की रक्षा करनी है तो जनसंख्या वृद्धि करनी होगी। हिंदू समाज को जाति-पांति का भेद त्याग कर धर्म व समाज की रक्षा हेतु कमर कस लेने की जरूरत है। वरना मुगलों की गुलामी झेलने के लिए तैयार रहना होगा।
महंत ने सनातन धर्म के अस्तित्व को बचाने, अपनी मां, बहन और पत्नियों की रक्षा के लिए अपनी संतति की संख्या में वृद्धि करने व शस्त्र उठाने की सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि अपने शहर को बचाना है तो हिंदुओं को इकट्ठा होना पड़ेगा। हिंदू अपनी जनसंख्या बढ़ाएं और एकत्रित रहें। मुसलमानों की जनसंख्या तेजी से बढ़ती जा रही है।