China Spying on India : लद्दाख के पास पावर ग्रिड स्टेशन पर चीन ने किया था सायबर हमला, हैकर तलाश रहे थे गुप्त जानकारी!
China Spying on India : सायबर हमले में भारत के सात लोड डिस्पैच सेंटर्स को निशाना बनाया गया था। ये केंद्र लद्दाख में विवादित भारत-चीन सीमा के पास स्थित इलाकों में ग्रिडों नियंत्रण और बिजली के संचारण की रियल टाइमिंग के संचालन का कार्य करते हैं...
China Spying on India : भारत (India) और चीन (China) के बीच जारी सीमा विवाद के मध्य एक रिपोर्ट (Report) में दावा किया गया है कि चीनी सरकार (Government of China) की तरफ से प्रायोजित हैकरों की टीम ने लद्दाख (Ladakh) के पास भारत के पावर ग्रिड (Indian Power Grid) पर सायबर हमला किया था। आपाको बता दें कि यह दावा खुफिया फर्म रिकॉर्डेड फ्यूचर इंक (Recorded) की ओर ओर से बीते बुधवार 06 अप्रैल को जारी अपनी एक रिपोर्ट में गयी है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि यह चीन की जासूसी अभियान का हिस्साा था।
इस रिपोर्ट के अनुसार इस सायबर हमले में भारत के सात लोड डिस्पैच सेंटर्स (Load Dispatch Centre) को निशाना बनाया गया था। ये केंद्र लद्दाख में विवादित भारत-चीन सीमा (Indo China Border) के पास स्थित इलाकों में ग्रिडों नियंत्रण और बिजली के संचारण की रियल टाइमिंग के संचालन का कार्य करते हैं। इसमें से एक लोड डिस्पैच सेंटर को एक दूसरा हैकर ग्रुप RedEcho भी पूर्व में निशाना बना चुका है।
रिकॉर्डेड फ्यूचर (Recorded Future) ने अपनी इस रिपोर्ट में यह भी दावा किया है कि चीनी से जुड़े इन हैकरों के समूह ने भारतीय पावर ग्रिड संपत्तियों से जुड़े आर्थिक पारंपरिक खुफिया जानकारी जुटाने की कोशिश की थी। रिपोर्ट के अनुसार इसका उद्देश्य भविष्य में होने वाली गतिविधियों से से जुड़े डेटा जुटाना था, जिसका वे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर सकते थे।
रिकॉर्डेड फ्यूचर की इस रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि यह सायबर हमला बीते साल 2021 में अगस्त से मार्च महीने के बीच हुए थे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मुमकिन है कि हैकरों ने भारतीय लोड डिस्पैच सेंटर्स पर सायबर हमला कर महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की जानकारी जुटाई होगी।
यह भी संभव है कि भविष्य को लेकर क्या रणनीति बन रही है इसकी जानकारी भी जुटायी गयी हो। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस हैकिंग के दौरान मिले डेटा को दुनिया भर में फैले चीन के प्रायोजित कमांड और कंट्रोल सर्वर को स्थानांतरित किया गया था।
रिकॉर्डेड फ्यूचर की ओर से किए गए दावे में कहा गया है कि हैकरों ने TAG-38 नाम के शैडोपैड नामक एक मेलवेयर सॉफ्टवेयर का हैकिंग में इस्तेमाल किया था। इसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और राज्य सुरक्षा मंत्रालय भी करती है।
रिकॉर्डेड फ्यूचर नामक संस्था के वरिष्ठ प्रबंधक जोनाथन कोंड्रा ने दावा किया है कि इस सायबर हमले में हमलावर जिस तरह से घुसपैठ करने के लिए उपकरणों, कैमरों और इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे थे वह अभूतपूर्व और असाधारणा था। उन्होंने यह भी दवा किया है कि इस सायबर शुरू करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण दक्षिण कोरिया और ताइवान में मौजूद थे। इस मामले में अब तक भारत सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।