गौशाला में देखरेख और खानपान के अभाव में एक साथ 36 गायों की मौत

Update: 2018-07-28 04:49 GMT

अब कहां हैं गाय के नाम पर लोगों की जान लेने वाले ये कथित गौरक्षक कि इतनी भारी तादाद में एक साथ इतनी गायें मृत पाई गई हैं, क्यों कोई आंदोलन नहीं कर रहे इन गायों के मरने पर मॉब लिंचिंग करने वाले गौभक्त....

दिल्ली, जनज्वार। गौरक्षा के नाम पर देश के अलग-अलग राज्यों में गौगुंडों की भीड़ अब तक दर्जनों निर्दोषों की की जान ले चुकी है। मगर गाय को माता मानने वाले इन गौगुंडों और कथित गौरक्षकों को यह नजर नहीं आया कि राजधानी दिल्ली की एक गौशाला में 36 गायें एक साथ मर गईं। अब कहां हैं गाय के नाम पर लोगों की जान लेने वाले ये कथित गौरक्षक कि इतनी भारी तादाद में एक साथ इतनी गायें मृत पाई गई हैं, क्यों कोई आंदोलन नहीं कर रहे इन गायों के मरने पर ये गौभक्त।

जानकारी के मुताबिक दिल्ली के द्वारका स्थित छावला के घुम्मन हेरा गांव में एक साथ 36 गायें मरी हुई मिलीं। जिस गौशाला में गायें मरी हुई मिलीं वह आचार्य सुशील की है। कल शुक्रवार 27 जुलाई को दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर पुलिस को एक साथ इतनी बड़ी तादाद में गायें मरने की खबर हुई थी। मीडिया में आई रिपोर्टों के मुताबिक 1400 गायों वाली गौशाला में 36 गायों के बीमारी की वजह से मरने का संदेह है।

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एएनआई में प्रकाशित खबर के मुताबिक गौशाला में काम कर रहे एक मजदूर ने बताया कि गौशाला के पानी की मोटर पिछले 2 दिनों से काम नहीं कर रही है। कोई भी हमारी बात सुनता नहीं है। हम अपनी पूरी कोशिश करने की कोशिश करते हैं, लेकिन गायों के लिए कोई डॉक्टर उपलब्ध नहीं है।

मीडिया में आई दूसरी खबरों के मुताबिक बहुत अधिक संख्या में गायों के मौजूद होने की वजह से गौशाला में ठीक से साफ-सफाई नहीं होती थी। साथ ही यह भी बात सामने आ रही है कि गायों को समय से खाना भी नहीं दिया जाता था। बारिश के मौसम में गौशाला में साफ सफाई बेहद जरूरी होती है और ऐसा न करने पर गंदगी की वजह से गायें बीमार पड़ने लगती हैं।

​जिस गौशाला में गायें मरी हैं उसकी बाउंड्री लगभग 9 एकड़ में है और करीब 20 एकड़ जमीन पर गौशाला बनाई गई है। आचार्य सुशील के ट्रस्ट द्वारा चलाई जा रही इस गौशाला के बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि इसके नाम पर एमसीडी से अनुदान लिया जाता है मगर यहां काफी पानी भरा है और गंदगी भी। यहां मच्‍छर भी काफी ज्‍यादा हैं। गायों की मौत की वजह गंदगी और कीचड़ से हुए संक्रमण के साथ—साथ उन्हें खाना न मिलना है।

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शुरुआती जांच में ही पुलिस ने भी आशंका जताई कि सभी गायों की मौत बीमारी से हुई है। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो गौशाला के आसपास काफी पानी भरा हुआ था। गायों के मरने पर भी राजनीति शुरू हो गई है। जहां कुछ लोग बीजेपी को घेरते हुए कह रहे हैं कि गाय के नाम पर तमाम लिंचिंग की घटनाओं को अंजाम देने वाली गौ गुंडों और भाजपाइयों को अब यह मरी हुई गायें और इनकी दुर्दशा क्यों नहीं दिख रही है, क्यों नहीं आचार्य सुशील पर गौरक्षक मोदी सरकार कोई एक्शन नहीं ले रही है।



वहीं घटना सामने आने पर साउथ एमसीडी के मेयर नरेंद्र चावला ने कहा कि, जहां गायों की मौत हुई है वो गौशाला दिल्ली सरकार के अधीन है। हम केवल आवारा/ बीमार गायों को ठेकेदारों के मार्फत वहां भिजवा देते हैं। गौशाला का प्रशासन, संचालन, रखरखाव सबकुछ दिल्ली सरकार के अधीन है।

हालांकि गायों की मौत सामने आने पर दिल्ली सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते इस मामले पर जांच के आदेश देते हुए 24 घंटे के अदर रिपोर्ट मांगी है।

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