लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा 94 मजदूरों की यूपी में सड़क हादसों में मौत

Update: 2020-06-03 01:30 GMT

कोरोना वायरस संक्रमण चेन को तोड़ने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण हजारों परिवार घर जाने के लिए निकल पड़े थे। अधिकांश दुर्घटनाएं तेज रफ्तार और ड्राइवर की थकान के कारण हुई....

जनज्वार, दिल्ली। देशभर में 25 मार्च से 31 मई के बीच लॉकडाउन के दौरान करीब 200 प्रवासी कामगारों की मौत घर लौटने के दौरान 1,461 सड़क दुर्घटनाओं में हुई है। सेव लाइफ फाउंडेशन द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, इन दुर्घटनाओं में 198 प्रवासी कामगारों सहित कुल 750 लोगों की मौत हुई है।

कोरोना वायरस संक्रमण चेन को तोड़ने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण हजारों परिवार घर जाने के लिए निकल पड़े। मीडिया-ट्रैकिंग और कई सूत्रों से वेरिफिकेशन द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, अधिकांश दुर्घटनाएं तेज रफ्तार और ड्राइवर की थकान के कारण हुई।

Full View प्रदेश में सबसे ज्यादा 94 मौतें हुईं। इसके बाद मध्य प्रदेश (38), बिहार (16), तेलंगाना (11) और महाराष्ट्र (9) रहे। 68 दिनों के लॉकडाउन के दौरान, 1,390 लोग सड़क दुर्घटना में घायल हुए थे। उत्तर प्रदेश 30 प्रतिशत यानी 245 घायलों के साथ शीर्ष पर है। इसके बाद तेलंगाना (56), मध्य प्रदेश (56), बिहार (43), पंजाब (38) और महाराष्ट्र (36) हैं। इन सबके बीच, 68 फीसदी मौतों में पैदल यात्री, दोपहिया और तिपहिया वाहनों को शामिल किया गया है।

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सेवलाइफ फाउंडेशन के संस्थापक और सीईओ पीयूष तिवारी ने कहा, 'कोविड-19 के साथ अभी भी चारों ओर, हम बस सड़क दुर्घटना से संबंधित ट्रॉमा के साथ अत्यधिक हेल्थकेयर प्रणाली का बोझ नहीं उठा सकते। आंकड़ों से पता चलता है कि तीसरे और चौथे चरण में राज्यों से प्रतिबंधों को हटानेके साथ सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि हुई है।'

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