इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति रतन लाल हांगलू का इस्तीफा, विवादों से रहा है इनका गहरा नाता

Update: 2020-01-02 10:21 GMT

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति का कार्यभार ग्रहण करने से पहले प्रो. रतनलाल हांगलू पश्चिम बंगाल के कल्याणी विश्वविद्यालय में थे कुलपति, वहां भी महिला उत्पीड़न समेत लगे थे कई संगीन...

प्रयागराज, जनज्वार। विवादों में घिरे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति रतन लाल हांगलू ने कल 1 जनवरी को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कुलपति के इस्तीफे को मंत्रालय ने मंजूर करते हुए राष्ट्रपति के पास फाइल भेज दी है। एक महिला से वार्तालाप का ऑडियो वायरल होने के बाद वीसी के खिलाफ जांच चल रही थी।

कुछ दिनों पहले ही राष्ट्रीय महिला आयोग ने हांगलू को तलब किया था और जमकर फटकार लगाई थी। वीसी के अलावा कुलसचिव ने भी इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले महिला आयोग की टीम प्रयागराज आई थी और महिला छात्रावासों की स्थिति पर चिंता जताई थी। आयोग ने कहा था कि विश्वईविद्यालय के महिला छात्रावास लड़कियों के लिए सु‍रक्षित नहीं हैं। यही नहीं हांगलू के खिलाफ पिछले काफी दिनों से यूनिवर्सिटी के अंदर विरोध प्रदर्शन चल रहा था।

कुलसचिव के साथ ही कुछ अन्य अधिकारियों ने भी अपने पदों से बुधवार 1 जनवरी को इस्तीफे दिए। विश्वविद्यालय के पीआरओ डॉक्टधर चितरंजन कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय के प्रशासनिक कार्यों में बाहरी हस्तक्षेप के चलते अधिकारियों को काम करने में कठिनाई हो रही थी, इसीलिए कई अधिकारियों ने अपने पदों से इस्तीफे दे दिए हैं। पीआरओ चितरंजन कुमार ने भी इस्तीफा दे दिया। कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस्तीफा दिया है। इनमें चीफ़ प्राक्टर प्रो. रामसेवक दूबे, रजिस्ट्रार एनके शुक्ला समेत कई प्रोफेसरों का नाम शामिल है।

लाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति के पद पर प्रफेसर रतनलाल हांगलू की नियुक्ति के बाद से ही यूनिवर्सिटी में प्रशासनिक अधिकारियों के पदों पर मनमाने तरीके से नियुक्ति रही हो अथवा कॉलेजों में शिक्षक भर्ती को लेकर मनमानी हर मामले में कुलपति के खिलाफ आवाज उठती रही। यही नहीं उनके खिलाफ मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से लगातार जांच चलती रही। कुलपति के खिलाफ यूजीसी और मानव संसाधन मंत्रालय की हाई पावर कमिटी भी जांच कर चुकी है।

न पर लगे तमाम आरोपों की जांच केंद्रीय स्तर पर किया जा रहा था। इसके अलावा उन पर महिला उत्पीडऩ का आरोप लगा था और बीच में उनका अश्लील ऑडियो भी वायरल हुआ था। मामले की शिकायत राष्ट्रीय महिला आयोग से की गई थी। मामले में आयोग ने कुलपति को तलब किया था। आयोग ने सख्त रूख अख्तियार करते हुए 24 घंटे के भीतर जवाब देने को कहा था। ऐसा न करने पर चेतावनी भी दी थी कि यदि वह नहीं पहुंचते हैं तो पुलिस के जरिए सम्मन भेजकर उन्हें बुलवाया जाएगा।

स दौरान वह विदेश यात्रा पर होते हुए भी सीधे दिल्ली स्थित आयोग के कार्यालय पहुंचे थे। वहां तीन घंटे वह आयोग के सवालों से घिरे रहे। इस दौरान छात्राएं भी कुलपति के बर्खास्तगी की मांग को लेकर आंदोलन करती रहीं।

30 दिसंबर 2019 को अपना 4 साल का कार्यकाल पूरा करने वाले कुलपति प्रोफेसर रतनलाल हंगलू सबसे ज्यादा विवादित वीसी के रूप में याद किए जाएंगे। साल के पहले दिन देर शाम भेजे गए उनके इस्तीफे को मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मंजूर कर लिया है। उन पर लगे आरोपों की जांच केंद्रीय स्तर पर कराई जा रही थी। इसके अलावा उन पर महिला उत्पीड़न को लेकर भी आरोप लगा था।

क महिला मित्र के साथ उनके कथित अंतरंग बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद उनकी खूब छीछालेदर हुई थी। प्रोफेसर रतन लाल हांगलू ने 30 दिसंबर 2015 को इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय का कार्यभार ग्रहण किया था।

लाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति का कार्यभार ग्रहण करने से पहले प्रो. रतनलाल हंगलू पश्चिम बंगाल के कल्याणी विश्वविद्यालय में कुलपति थे। वहां भी उनके खिलाफ महिला उत्पीड़न समेत कई संगीन आरोप लगे थे। वहां की एक महिला ने तो उनका यहां तक पीछा किया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों के बीच उनकी करतूत की पोल खोल डाली थी। महिला ने सार्वजनिक मंच पर आरोप लगाया था कि उन्होंने कल्याणी विश्वविद्यालय में उन्हें कुलपति रहते उनकी बेटी का उत्पीड़न किया था।

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