USCIRF की रिपोर्ट में खुलासा, मोदी के दुबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद मुस्लिमों पर बढ़े और ज्यादा अत्याचार

Update: 2020-04-29 02:57 GMT

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थितियों में भारी गिरावट आई है और धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ें है...

जनज्वार: अमेरिकी संस्था यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (USCIRF) ने अपनी सालाना रिपोर्ट 2020 जारी कर दी है. USCIRF ने भारत में धार्मिक आजादी को लेकर चिंता जताई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 में भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थितियों में भारी गिरावट आई है और धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ें है.

USCIRF ने मंगलवार को ट्वीट किया, "साल 2004 के बाद ये पहली बार है जब USCIRF ने भारत को 'कुछ ख़ास चिंताओं' वाले देशों की सूची में शामिल करने का सुझाव दिया है."



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USCIRF ने खासतौर पर भारत के नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर चिंता जताई है. संस्था की उपाध्यक्ष नेन्डिन माएज़ा ने कहा, "भारत के नागरिकता संशोधन क़ानून और एनआरसी से लाखों भारतीय मुसलमानों को हिरासत में लिए जाने, डिपोर्ट किए जाने और स्टेटलेस हो जाने का ख़तरा है."



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USCIRF ने भारत के अलावा जिन देशों को 'कन्ट्रीज़ विद पर्टिक्युलर कंसर्न' की श्रेणी में रखा गया है. उनमें बर्मा, चीन, इरिटेरिया, ईरान, नाइजीरिया, उत्तर कोरिया, पाकिस्तान, रूस, सऊदी अरब, सीरिया, तजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और वियतनाम शामिल हैं.

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भारत ने खारिज की रिपोर्ट

हालांकि भारत ने USCIRF की इस रिपोर्ट सिरे से खारिज कर दिया है. विदेश मंत्रालय ने कहा, 'हम USCIRF की वार्षिक रिपोर्ट में भारत पर टिप्पणियों को खारिज करते हैं.'

मंत्रालय ने कहा, 'भारत के खिलाफ उसके ये पूर्वाग्रह वाले और पक्षपातपूर्ण बयान नए नहीं हैं, लेकिन इस मौके पर उसकी गलत बयानी नए लेवल पर पहुंच गई है.'

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