'अम्फान चक्रवात' से देश के पूर्वी हिस्से में हो सकता है भारी नुकसान, अलर्ट जारी
इस चक्रवात से 'बुलबुल' चक्रवात से भी अधिक नुकसान होने की आशंका है, जो पिछले साल नौ नवंबर को पश्चिम बंगाल तट से टकराया था। चक्रवात ओडिशा के तटीय जिलों जगतसिंहपुर, केंद्रापाड़ा, भद्रक, जाजपुर और बालासोर में भारी वर्षा और तूफान लेकर आएगा...
जनज्वार। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने मंगलवार को अपनी तीसरी बैठक में चक्रवात 'अम्फान' के रास्ते में आने वाले निचले इलाकों के सभी लोगों को समय पर निकालने पर जोर दिया। चक्रवात 'अम्फान' के कारण बुधवार को पश्चिम बंगाल और ओडिशा में भारी नुकसान की संभावना जताई गई है।
गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा करते हुए गौबा ने राज्य सरकारों से कहा कि वे निचले इलाकों से लोगों की समय पर और पूरी तरह से निकासी सुनिश्चित करें और पर्याप्त मात्रा में आवश्यक आपूर्ति (पानी, भोजन, दवाई इत्यादि) बनाए रखें।
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राज्यों को यह भी सलाह दी गई है कि सड़कों को खाली करने से लेकर निकासी और अन्य बहाली के काम के लिए टीमों को तैयार रखा जाए। दोनों राज्यों के तटीय जिलों में 155 से 165 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलने की संभावना जताई गई है। हवा की अधिकतम रफ्तार 185 किमी प्रति घंटे भी हो सकती है। इसके अलावा तूफान के साथ ही भारी बारिश की भी संभावना जताई गई है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बैठक में कहा है कि 'अम्फान' के पश्चिम बंगाल तट पर 20 मई की दोपहर या शाम तक पहुंचने की संभावना है और इससे पूर्वी मेदिनीपुर, दक्षिण और उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली और कोलकाता जिले प्रभावित हो सकते हैं।
मुख्य सचिव ओडिशा और अतिरिक्त मुख्य सचिव पश्चिम बंगाल ने एनसीएमसी को उनके द्वारा किए गए प्रारंभिक उपायों से अवगत कराया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एनसीएमसी की बैठक में भाग लेते हुए दोनों राज्यों के अधिकारियों ने बताया कि निचले इलाकों से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है।
एनसीएमसी को सूचित किया गया, खाद्यान्न, पीने के पानी और अन्य आवश्यक आपूर्ति के लिए सभी कदम उठाए गए हैं। बिजली और दूरसंचार सेवाओं के रखरखाव और बहाली के लिए टीमें भी तैनात की गई हैं।
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इसके अलावा यह बताया गया कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 36 टीमों के साथ ही सेना, नौसेना के बचाव और राहत दल के साथ ही नौसेना, वायुसेना और तटरक्षक बल के जहाजों और वायुयानों की भी तैनाती की गई है। आवश्यक सेवाओं के रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए दूरसंचार विभाग और ऊर्जा मंत्रालय की एजेंसियों के अधिकारी भी राज्यों में तैनात किए गए हैं।
गृह मंत्रालय, रक्षा, जहाजरानी, बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य, आईएमडी, एनडीएमए और एनडीआरएफ के मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में शामिल हुए।