यूएई स्थित तीन भारतीयों को इस महीने की शुरुआत में सोशल मीडिया पर इस्लामोफोबिक पोस्ट के लिए या तो नौकरी से निकाल दिया गया था या निलंबित कर दिया गया था। 20 अप्रैल को यूएई में भारत के राजदूत पवन कपूर ने भारतीय प्रवासियों को इस तरह के व्यवहार के खिलाफ चेतावनी भी दी थी...
जनज्वार ब्यूरो। गल्फ न्यूज के मुताबिक ब्रजकिशोर गुप्ता को उनके फेसबुक पोस्ट में भारतीय मुसलमानों को ‘कोरोनवायरस वायरस फैलाने वाले’ और दिल्ली के दंगों को ‘ईश्वरीय न्याय’ के रूप में स्वीकार करने के लिए नोटिस दिया गया था। ब्रजकिशोर गुप्ता जो बिहार के छपरा के रहने वाले हैं, रास अल खैमाह शहर में मुख्यालय वाली खनन कंपनी, स्टीपिन रॉक द्वारा नियुक्त किया गया था। कंपनी के व्यवसाय विकास और अन्वेषण प्रबंधक जीन-फ्रेंकोइस मिलियन ने कहा, “एक जूनियर कर्मचारी से जुड़ी इस घटना की तुरंत अलग जांच की गई और स्टिचन रॉक के साथ इस व्यक्ति के रोजगार को बिना सूचना के समाप्ति की गई।”
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मिलियन ने कहा, “हमारी कंपनी की नीति सहिष्णुता और समानता को बढ़ावा देने और नस्लवाद और भेदभाव को दृढ़ता से त्यागने में यूएई सरकार की दिशा का समर्थन करती है और हमने अपने सभी कर्मचारियों को उनके धार्मिक या जातीय पृष्ठभूमि के बावजूद रखा है जो उन्हें याद दिलाता है कि इस तरह का कोई भी व्यवहार अस्वीकार्य है।”
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यूएई स्थित तीन भारतीयों को इस महीने की शुरुआत में सोशल मीडिया पर इस्लामोफोबिक पोस्ट के लिए या तो नौकरी से निकाल दिया गया था या निलंबित कर दिया गया था। 20 अप्रैल को यूएई में भारत के राजदूत पवन कपूर ने भारतीय प्रवासियों को इस तरह के व्यवहार के खिलाफ चेतावनी भी दी थी।