देश भर में फंसे बिहार के मजदूर बिहार भवन के इन नंबरों पर मदद के लिए करें फोन

Update: 2020-03-26 18:24 GMT

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्णय लिया कि तत्काल पटना तथा बिहार के अन्य शहरों में जो भी रिक्शा चालक, दैनिक मजदूर एवं अन्य राज्यों के व्यक्ति जो लाॅकडाउन के चलते फंसे हुए हैं उनके रहने तथा भोजन की व्यवस्था राज्य सरकार अपने स्तर से करेगी...

पटना से आलोक कुमार की रिपोर्ट

जनज्वार। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कोरोना संक्रमण एवं लाॅकडाउन से उत्पन्न स्थिति पर एक उच्चस्तरीय बैठक की गयी। बैठक में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, जन संसाधन मंत्री संजय झा, मुख्य सचिव दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पाण्डेय, प्रधान सचिव आपदा प्रत्यय अमृत सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्णय लिया कि तत्काल पटना तथा बिहार के अन्य शहरों में जो भी रिक्शा चालक,दैनिक मजदूर एवं अन्य राज्यों के व्यक्ति जो लाॅकडाउन के चलते फंसे हुए हैं उनके रहने तथा भोजन की व्यवस्था राज्य सरकार अपने स्तर से करेगी।

देश के विभिन्न राज्यों में बिहार के प्रवासी मजदूरों को सहयोग एवं सहायता पहुँचाने के उद्देश्य से बिहार भवन, नई दिल्ली में तत्काल प्रभाव से तीन 24×7 हेल्पलाइन नंबर स्थापित किया गया है। ये तीन नंबर इस प्रकार हैं :

011-23792009, 011-23014326, 011-23013884

न नंबरों के माध्यम से प्राप्त शिकायतों पर पदाधिकारियों द्वारा सभी सहयोग प्रदान किया जाएगा।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस कार्य हेतु मुख्यमंत्री राहत कोष से आपदा प्रबंधन विभाग को 100 करोड़ रूपये की राशि जारी कर दी गयी है। बिहार में पटना तथा अन्य शहरों में ऐसे लोगों के लिए वहीं पर आपदा राहत केन्द्र स्थापित किया जायेगा तथा इन पर कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए चिकित्सा उपलब्ध रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कोरोना संक्रमण के कारण लोगों के फंसे होने की स्थिति को आपदा मान रही है और ऐसे लोगों की मदद उसी तरह की जायेगी जैसी अन्य आपदा पीड़ितों की जाती है। उन्होंने कहा कि बिहार के निवासी बिहार के किसी शहर में या बिहार के बाहर जहां भी फंसे हों वहीं पर उनकी मदद की जायेगी तथा बिहार जो अन्य राज्यों के लोग फंसे है उनके लिए भी राज्य सरकार अपने स्तर से भोजन एवं आवासन की व्यवस्था करेंगी।

धर पटना जिले के डीएम कुमार रवि ने एक महत्वपूर्ण बैठक की। उन्होंने कहा कि दैनिक उपयोग की खाद्य सामग्री की उपलब्धता बनाए रखने के लिए निर्देश दिए गए हैं और इस दौरान विशाल मेगा मार्ट, बिग बाजार, बिग बास्केट आदि को 9 टू 9 खुला रखने का निर्देश जारी किया गया है।

गौरतलब है कि पूरे तरीके से लॉकडाउन होने के बाद लोगों के घरों से निकलने पर पाबंदी लगा दी गई है। ऐसे में खुदरा दुकानदारों को थोक समान खरीदने में दिक्कत हो रही है। जब दुकानदार समान खरीदने जाते हैं तो पुलिस डंडा चला देती है। वहीं वाहन को जब्त कर लेती है।

एक पेटी स्कूटर सरसों तेल 1330 रूपये में मिलता था जो अब 1500रूपये में मिल रहा है। एक पेटी में 15 पीस स्कूटर सरसों तेल रहता है। पहले100 किलोग्राम चीनी 3540 रूपये में मिलता था जो अब 4100 रूपये मेंमिल रहा है।मसुर दाल 100 किलोग्राम 6000 रूपये था जो अब 7500 रूपयेमें मिल रहा है। आटा पचास किलोग्राम 1200 रूपये मिलता था अब 1500रूपये में मिल रहा है। जो बाजार में पाॅकेट वाला ही उपलब्ध है। 5 किलोग्राम175 रूपये में बेचते थे अब 204 रूपये वसूल कर रहे हैं। मंसुरी चावल प्रतिक्विंटल 2500 रूपये में मिलता था जो अब 2700 रूपये में मिल रहा है। आलू प्रति क्विंटल 1600 रूपये था अब 2200 में मिल रहा है। प्याज प्रति क्विंटल 2500 रूपये था जो अब 3500 रूपये में मिल रहा है।

भोजन का अधिकार अभियान ने जिला अधिकारी पटना से आग्रह किया है

कि बिहार राज्य में लॉकडाउन के दौरान जमीनी हालात पर काबू पाने तथा गरीब व वंचित लोगों के लोगों को भोजन—राशन पहुंचाने के लिए अभियान के वाॅलंटियर को काम करने की इजाजत देने व पास जारी करने के संबंध में आग्रह किया गया है।

कोविड 19 की आशंका को लेकर नौ सरकारी मेडिकल कॉलेजों द्वारा कुल 415 मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे गये। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि जांच के लिए भेजे गये कुल 415 सैंपलों में फिलहाल 45 सैंपल के रिपोर्ट अभी नहीं मिला है जबकि तीन सैंपल को रिजेक्ट कर दिया गया है। निगरानी में रखे गये हैं 1456 लोग।

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