अंबेडकर को बौद्ध धर्म की दीक्षा देने वाले गुरु का निधन

Update: 2017-12-01 09:38 GMT

जिस रिसालदार पार्क में प्रज्ञानंद ने बौद्ध धर्म अपनाया उसी को उन्होंने बाद में बौद्ध धर्म का केंद्र बनाया और बौद्ध विहार बोधानंद की स्थापना की...

लखनऊ। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के गुरु प्रज्ञानंद का 30 नवंबर को लंबी बीमारी के बाद देहांत हो गया। 90 वर्षीय प्रज्ञानंद पिछले लंबे समय से बीमार थे, इसी के बाद उन्हें 27 नवंबर को लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में भर्ती किया गया था।

भारत के संविधान निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर को बौद्ध धर्म की दीक्षा देने वाले बौद्ध भिक्षु प्रज्ञानंद श्रीलंका में जन्मे थे। श्रीलंका से आजादी से पहले ही भारत आकर बस गए थे। शिक्षक पिता और गृहिणी मां की संतान प्रज्ञानंद चार भाई बहनों में सबसे छोटे थे।

बहुत छोटी उम्र में श्रीलंका से आने के बाद बौद्ध भिक्षु प्रज्ञानंद ने लखनऊ के रिसालदार पार्क स्थित आश्रम में रहने वाले गुरु बोधानंद जी के पास आए और यहीं उन्होंने उनसे बौद्ध धर्म की दीक्षा ग्रहण की।

गौरतलब है कि संविधान निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले भीमराव अंबेडकर ने 19 अप्रैल 1956 को बौद्ध धर्म ग्रहण किया था। जिन बौद्ध गुरुओं ने अंबेडकर को बौद्ध धर्म की दीक्षा दी थी, उनमें से एक प्रज्ञानंद भी थे। अंबेडकर को दीक्षा देते वक्त उनकी उम्र मात्र 29 वर्ष थी।

जिस रिसालदार पार्क में प्रज्ञानंद ने बौद्ध धर्म अपनाया उसी को उन्होंने बाद में बौद्ध धर्म का केंद्र बनाया और बौद्ध विहार बोधानंद की स्थापना की। प्रज्ञानंद ने भारत में कई जानी—मानी हस्तियों को बौद्ध धर्म की दीक्षा दी थी। अभी भी उनके अनुयायियों की संख्या सैकड़ों में है।

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