बुलेट की जगह बैलगाड़ी युग में न ला दें मोदी

Update: 2017-09-08 14:30 GMT

कांग्रेस मुक्‍त बनाने से थक गये तो खरीद—खरीद कर कांग्रेसयुक्‍त करने का नया अभियान चला दिया। बस लहर चलनी चाहिए। मेक इन इंडिया के तहत असाल्‍ट राइफलें बनीं, पर आपकी सेना ने ही उसे बेकार साबित किया...

कुमार मुकुल

मोदी जी चुनाव जीतने के बाद भी चुनाव में लगे हैं निरंतर। मिशन 2014, के बाद मिशन 2017, 2019, फिर 2025। कोई काम ही नहीं है इनके पास, भाइयो लग जाइए मिशन में। मोदी लहर चल रही, दिल्‍ली में पिटे पर लहर चलती रही, बिहार में पिटे पर लहर चलती रही, जहां लहर का बहर नहीं सध रहा वहां मोल-भाव का कहर जारी है।

अदालत पूछ रही कि पांच साल के बीच जिन माननीयों की संपत्ति पांच सौ गुनी हुई उसका हिसाब दीजिए, पर मोदी जी तो मिशन में लगे हैं। अब इस सतत मिशनरी उत्तेजना-तनाव में स्‍वाभाविक है कि आम जनता भी भिड़ी हुई है उनके साथ।

चलो हम भी कुछ गौ तस्‍करों से गायें लूटकर इसमें योगदान करें। गाय नहीं तो गधे सही, उन्‍हें ही लूट लाएं। ग तो लगा है उसमें भी। तो इस उत्तेजनामय माहौल का असर हो रहा है आम जन पर। वह भी इस लहर में डूबा लहर काटने में लगा है। उधर आपकी सरकारी गोशालाओं में हजारों गायें मर रहीं—सड़ रहीं, उसका चारा भी खाए जा रहे सब।

अब इसका असर तो होना है। सब काम धाम रामभरोसे होने लगा है। फिर दिन में तीन बार एक ही लाइन पर ट्रेनें पल्‍टी ना मारें तो और क्‍या हो। सारी जनता मानसिक अशांति में जिएगी तो आपकी बुलेट क्‍या चलेगी बैलगाड़ी के दिन आ जाएंगे, आप बनाते और काटते रहिए लहर।

शिक्षा में आप दुनिया में पिछड़ गये। भुखमरी के इंडेक्‍स में पड़ोसियों से पीछे हैं। खुशी का मंत्रालय बना डाला, पर उसके इंडेक्‍स में भी पीछे चले जा रहे।

कांग्रेस मुक्‍त बनाने से थक गये तो खरीद—खरीद कर कांग्रेसयुक्‍त करने का नया अभियान चला दिया। बस लहर चलनी चाहिए। मेक इन इंडिया के तहत असाल्‍ट राइफलें बनीं, पर आपकी सेना ने ही उसे बेकार साबित किया। बोफोर्स भी नहीं चली, पता चला उसके कल-पुर्जे चीन के थे।

कहीं कुछ हो हवा नहीं रहा। बस पूरा मुल्‍क हो हां हूं ही किये जा रहा। इससे कुछ नहीं होने का। करते रहिए कूद-फांद।

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