पुलवामा में पुलिस हिरासत में स्कूल प्रिंसिपल की संदिग्ध मौत के बाद जम्मू कश्मीर में हिंसा

Update: 2019-03-19 16:17 GMT

रिजवान असद पंडित की पुलिस हिरासत में मौत के बाद प्रशासन हुआ सतर्क, अवंतिपोरा और आसपास के इलाकों में रोक दी गई हैं मोबाइल इंटरनेट सेवाएं, अवंतिपोरा में भेजे गए अतिरिक्त सुरक्षाबल...

जनज्वार। जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा जिले में एक 28 वर्षीय निजी स्कूल के प्रिंसिपल रिजवान असद पंडित की पुलिस हिरासत में मौत के बाद लोग हिंसक हो गए हैं।

रिजवान असद पंडित के घरवालों ने आरोप लगाया है कि हमारे स्कूल टीचर बेटे को पुलिस ने बलि का बकरा बनाया है। रिजवान के पिता असदुल्ला पंडित ने द वायर से हुई बातचीत में कहा कि उनके बेटे का कोल्ड ब्लडेड मर्डर किया गया है। कथित आतंकी के नाम पर पहले उनके बेटे को घर से उठाया और उसके बाद हिरासत में उसकी हत्या कर दी।

गौरतलब है पुलवामा के अवंतिपोरा के पहने वाले रिजवान असद पंडित एक निजी स्कूल में प्रिंसिपल थे। 3 दिन पहले पुलिस ने आतंकवादियों से संबंधित पूछताछ के लिए 28 वर्षीय रिजवान असद पंडित को गिरफ्तार किया था।

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, 'रिजवान असद की मौत के बाद एक पुलिस अधिकारी ने बयान दिया कि “रिजवान असद की सोमवार 18 मार्च की रात को हिरासत में मौत हो गई थी। इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इसके साथ—साथ इस मामले में विभागीय जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं।'

रिजवान असद की हिरासत में मौत के बाद सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन ने अवंतिपोरा में इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईयूएसटी) की परीक्षाओं को रद्द कर दिया है। यही नहीं अवंतिपोरा और आसपास के इलाकों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं रोक दी गई हैं और अधिकारियों ने अवंतिपोरा में अतिरिक्त सुरक्षाबल भेज दिए हैं।

गौरतलब है कि हिरासत में रिजवान असद पंडित की मौत के बाद सुरक्षाकर्मियों और स्थानीय युवाओं के बीच झड़पें शुरू हो गईं। हिंसा की आशंका के चलते अवंतिपोरा शहर में दुकानें बंद कर दी गईं और सड़कों पर से वाहन हटा दिए गए, मगर बावजूद इसके स्थानीय युवाओं में गुस्से का माहौल व्याप्त है। उनका कहना है कि रिजवान बिल्कुल निर्दोष थे, पुलिस ने हिरासत में उनका कोल्ड ब्लडेड मर्डर किया है।

हिरासत में कश्मीरी युवक की मौत के बाद जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि "मुझे लगा था कि हिरासत में मौतें हमारे अंधकारपूर्ण अतीत की बातें हैं। यह अस्वीकार्य है और इसकी तय समय में पूरी पारदर्शिता से जांच होनी चाहिए। इस युवक के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।"



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