UP में दलित मजदूर की हत्या कर परिवार को लाश दे आए हमलावर, कहा थाने गए तो कर देंगे सबको साफ

Update: 2020-04-18 11:26 GMT

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में दलित जाति के लोग दलित मजदूर की हत्या के बाद परिवार को लाश दे आए और फिर धमकाते हुए बोले-कानूनी कार्रवाई करोगे तो आपका भी वहीं हाल होगा जो उसका हुआ...

जनज्वार ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से सनसनीखेज मामला सामने आया है जहां सवर्ण समाज के कथित हमलावरों ने एक दलित मजदूर को पहले तो मौत के घाट उतार दिया और उसके बाद उसके शव को उसके परिजनों को देकर भी आ गए। साथ ही परिजनों को कानूनी कार्रवाई न करने की धमकी भी दी। ये घटना ऐसे समय में सामने आई है जब देश में कोरोना वायरस की महामारी का खौफ है।

रअसल ये घटना 15 अप्रैल को आजमगढ़ जिले के जीयनपुर थाना क्षेत्र के गरेरूआ गांव में हुई। जीयनपुर थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर के मुताबिक मृतक अंकुर के भाई राहुल ने गांव के विजन सिंह और दीपू सिंहपर हत्या का आरोप लगाया है। हत्यारों का आपराधिक मनोबल इतना बढ़ा था कि उन लोगों ने उसकी लाश को उसके घर पहुंचा कर उसके भाई राहुल को सुलह करने की धमकी दी। ऐसा न करने पर उसको भी जान से मारने की धमकी दी।

संबंधित खबर : लॉकडाउन- बीमार पिता को कंधे पर लेकर अस्पताल के चक्कर काटता रह गया बेटा, पिता की मौत

फआईआर में राहुल ने बताया है कि वह दलित जाति से हैं और मजदूरी करके अपना जीवन यापन करते हैं। 15 अप्रैल की सुबह करीब सात बजे गांव के ही विजन सिंह हमारे घर आए और मेरे छोटे भाई अंकुर को काम करने के लिए साथ ले गए। अंकुर जब देर रात तक घर वापस नहीं आया तो हम काफी हैरान परेशान हुए।

'रात करीब दो बजे विजन सिंह मेरे घर का दरवाजा पीटने लगे, मैने दरवाजा खोला तो वो मुझे अपने साथ लेकर चल दिए। उन्होंने उस समय मुझे कुछ नहीं बताया जब मैं मौके पर पहुंचा तो देका कि विजन सिंह ने मे भाई को मारकर फेंका हुआ था। मैने देखा तो रोने लगा। इसके बाद विजन सिंह व दूपी सिंह दोनों मिलकर मोटरसाइकिल पर लादकर अंकुर को घर पर लाए। इसके बाद विजन सिंह ने धमकी दी कि सुलह कर लो, अगर सुलह नहीं करोगे तो मामला आगे बढ़ाओगे तो जिस तरह से तुम्हारा भाई मारा गया, उसी तरह से तुम भी मारे जाओगे।'

'मैने डरकर पास-पड़ोस और रिश्तेदारों को सूचना दी, इसके बाद फिर मैने पुलिस चौकी प्रभारी लाटघाट को फोन करके घटना की सूचना दी। पुलिस चौकी प्रभारी मौके पर आए और लाश को थाने पर लाए।'

हीं सामाजिक संगठन रिहाई मंच ने इस घटना के बाद अकुंर के परिजनों से मुलाकात की। रिहाई मंच ने कहा कि सरकार दलितों को संवैधानिक सुरक्षा और नागरिक अधिकार उपलब्ध नहीं करवा पा रही है। रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि सूबे में सवर्ण सामंती तत्वों के हौसले बुलंद हैं और वो दलितों की हत्या कर उनकी लाश घर ले जाकर पूरे के पूरे परिवार को जानमाल की धमकी दे रहे हैं। मंच महासचिव ने आजमगढ़ के कप्तान जिन्होंने जमातियों की सूचना देने वालों को पांच हजार रुपए इनाम देने की घोषणा की उनसे पूछा कि कब इन सामंती कोरोनाओं के खिलाफ वो इनाम घोषित करेंगे।

Full View खबर : BJP शासित मध्यप्रदेश में ग़रीबों के राशन पैकेट में बड़ा घोटाला,विधायक के हंगामे के बाद बैठी जांच

रिहाई मंच नेता बाकेलाल यादव और उमेश कुमार ने कहा कि हत्यारों का आपराधिक मनोबल इतना बढ़ा था कि उन लोगों ने उसकी लाश को उसके घर पहुंचा कर उसके भाई राहुल को सुलह करने की धमकी दी। ऐसा न करने पर उसको भी जान से मारने की धमकी दी। ये घटनाएं दर्शाती हैं कि योगी सरकार में एक जाति के लोग एक बार फिर से मनुवादी व्यवस्था स्थापित कर संवैधानिक मूल्यों की हत्या और अपनी तानाशाही स्थापित करना चाहते हैं। दलितों पर हमले इस बात का सुबूत हैं कि सरकार सूबे में डर की राजनीति स्थापित करना चाहती है।

Tags:    

Similar News