फैज की बेटी की हुई भारत बुलाकर बेइज्जती, कट्टर हिंदुओं के दबाव में न बोलने दिया न दी ठहरने के लिए जगह

Update: 2018-05-13 22:31 GMT

मशहूर शायर फैज अहमद फैज के नाती ने पूछा, क्या यही आपका शाइनिंग इंडिया है। मेरी 72 वर्षीय मां को औपचारिक तौर पर निमंत्रित करने के बावजूद कार्यक्रम में न हिस्सा लेने दिया और न बोलने दिया गया। यह शर्मनाक है...

दिल्ली, जनज्वार। पाकिस्तान की ख्यात पत्रकार और मशहूर शायर फैज अहमद फैज की बेटी मोनीजा हाशमी को आज भारत में आयोजित एक कार्यक्रम में निमंत्रित किए जाने के बाद हिस्सा नहीं लेने दिया गया।

गौरतलब है कि दिल्ली में चल रहे 15वें एशिया मीडिया समिट में हरदिल अजीज शायर रहे फैज की बेटी मोनीजा जोकि खुद पाकिस्तान की एक ख्यात पत्रकार हैं, को बतौर स्पीकर आमंत्रित किया गया था। मगर आमंत्रण के बावजूद उन्हें इसमें हिस्सेदारी नहीं करने दी गई। यह आयोजन 10 से 12 मई के बीच आयोजि किया गया था।

मोनीजा हाशमी के बेटे अली हाशमी ने ट्वीट कर पीएमओ और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से पूछा कि क्या यही आपका शाइनिंग इंडिया है। मेरी 72 वर्षीय मां को औपचारिक तौर पर निमंत्रित करने के बावजूद कार्यक्रम में न हिस्सा लेने दिया और न बोलने दिया गया। यह शर्मनाक है।

भारत में इस कार्यक्रम का आयोजन सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और प्रसार भारती द्वारा किया गया था, मगर मोनीजा के साथ की गई इस बदसलूकी पर उसने अपने होंठ सी लिए हैं, उल्टा उसके प्रवक्ताओं की तरफ से कहा जा रहा है कि उन्हें इस घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

मीडिया में आई जानकारी के मुताबिक फैज फाउंडेशन ट्रस्ट के सूत्रों ने बताया कि जब मोनीजा हाशमी नई दिल्ली स्थित होटल पहुंची तो उन्हें बताया गया कि उनके नाम पर कोई बुकिंग ही नहीं की गई है। बाद में मोनीजा हाशमी को एशिया पैसेफिक इंस्टीट्यूट फोर ब्रॉडकास्टिंग डेवलेपमेंट (एआईबीडी) के डायरेक्टर ने बताया कि एशिया मीडिया समिट में उन्हें बोलने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

यहां एक बात और गौरतलब है कि भारत में मीडिया समिट का आयोजन पहली बार हुआ। इससे पहले आयोजित होने वाले मीडिया समिटों में मोनीजा शामिल होती रही हैं।

मोनीजा उन्हीं फैज की बेटी हैं जिनके पिता की ज्यादातर रचनाएं सैन्य तानाशाह जनरल जिया उल हक के शासनकाल में प्रतिबंधित कर दी गई थीं। प्रतिबंधित रचनाओं में प्रसिद्ध रचना 'सब ताज उछाले जाएंगे, सब तख्त गिराए जाएंगे' भी शामिल रही है।

फैज जोकि भारत—पाकिस्तान दोनों जगह समान रूप से ख्यात हैं, हर किसी की जुबान में उनकी शायरी रहती है, भारत में उनकी बेटी के साथ इस बदसलूकी पर सोशल मीडिया पर तरह तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। मोनीज़ा हाशमी को कार्यक्रम में हिस्सा लेने से रोकने और उन्हें पाकिस्तान लौटाने के कदम की मीडिया में भी भारी आलोचना हो रही है। कहा जा रहा है कि पाकिस्तानी सरकार फैज से डरती थी, मगर भारत की मोदी सरकार तो उनकी बेटी से ही डर गई।

मोनीजा की बेइज्जती पर वरिष्ठ पत्रकार पंकज चतुर्वेदी कहते हैं, 1951 में षडयंत्र रचने के आरोप में गिरफ्तार करने के बाद फैज अहमद फ़ैज़ के पाकिस्तान सरकार से रिश्ते जीवन पर्यंत खराब रहे। उन्हें जीवन का काफी वक्त जेल में गुजारना पड़ा। जेल से निकलने के बाद उन्होंने लगभग दो दशक भारत और रूस में निर्वासन में बिताए। उस फैज की बेटी का भारत में अपमान शर्मनाक है।'

इस घटना के बाद बीबीसी से हुई बातचीत में मोनीजा ने कहा, "इसमें मुझे भी आमंत्रित किया गया और पूछा गया कि क्या मेरे पास वीज़ा है। मैंने हां में जवाब दिया क्योंकि फ़ैज़ फाउंडेशन के आधार पर मुझे छह महीने का मल्टी-एंट्री वीज़ा दिया गया था। ऐसे में मेरे पास वीज़ा था। इसके बाद उन्होंने कहा कि आप आएं और मुझे एक विषय दिया, जिस पर मुझे बोलना था। इसके बाद मैं 9 मई को ताज पैलेस होटल के डिप्लोमेटिक एनक्लेव पहुंची और अपने कमरे के बारे में पूछा तो रिसेप्शन पर मुझे बताया गया कि मेरे नाम से कमरा बुक नहीं है।"

मोनीजा आगे कहती हैं, "जब इससंबंध में एआईबीडी के निदेशक आए तो उन्होंने कहा कि मुझे माफ़ कर दीजिए, मुझे अभी-अभी पता चला है, 'उन्होंने' मुझसे ऐसा कहा है कि आप इस सम्मेलन में भाग नहीं ले सकतीं और सम्मेलन के लिए पंजीकरण भी नहीं करा सकती हैं।"

मोनीजा आगे कहती हैं, 'भारत सरकार के डर की वजह आखिर क्या थी? हम क्या पाकिस्तान से छूत की बीमारी लेकर आए हैं? मतलब रजिस्ट्रेशन तक नहीं करने दिया गया. ये अच्छा नहीं हुआ? पाकिस्तान अच्छा है या बुरा है, लेकिन वज़ूद में है। मेजबान ये व्यवहार नहीं करता है मेहमान के साथ।"

सवाल यह है कि यह 'उन्होंने' आखिर एआईबीडी निदेशक ने किसके लिए कहा है, क्या यह हिंदू कट्टरपंथियों के लिए है, क्योंकि फैज का हिंदू कट्टरपंथियों के अलावा कोई दुश्मन नहीं हो सकता है।

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