रामनगर के कालूसिद्ध-पूछड़ी के 151 परिवारों को उजाड़े जाने के खिलाफ ग्रामीणों ने दिया SDM कार्यालय पर धरना

Ramnagar news : डीएफओ तराई पश्चिमी कानूनी प्रक्रियाओं को ताक पर रखकर मनमानी पर उतारू हैं। 151 परिवार कौन हैं, जिनके खिलाफ बेदखली के आदेश पारित हुए हैं, इसकी जानकारी किसी के पास भी नहीं है..

Update: 2024-10-14 17:08 GMT

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Ramnagar news : उत्तराखण्ड के रामनगर स्थित ग्राम पूछड़ी, कालूसिद्ध के 151 परिवारों पर बेदखली की कार्रवाई पर रोक लगाने व डीएफओ तराई पश्चिमी रामनगर द्वारा उनके खिलाफ दिए गए बेदखली आदेशों की प्रति प्रतिवादी ग्रामीणों को उपलब्ध कराकर उनके अपील करने के अधिकार की सुरक्षा की मांग को लेकर आज 14 अक्टूबर को संयुक्त संघर्ष समिति ने एसडीएम कार्यालय पर धरना दिया। इस दौरान आंदोलनकारियों ने जिलाधिकारी नैनीताल को ज्ञापन भी प्रेषित किया।

धरने में आये ग्रामीणों ने कहा कि डीएफओ तराई पश्चिमी कानूनी प्रक्रियाओं को ताक पर रखकर मनमानी पर उतारू हैं। 151 परिवार कौन हैं, जिनके खिलाफ बेदखली के आदेश पारित हुए हैं, इसकी जानकारी किसी के पास भी नहीं है।

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ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि डीएफओ कार्यालय न तो उनका नकल हेतु प्रार्थना पत्र स्वीकार कर रहा है और न ही उनके द्वारा प्रस्तुत जबाबों को स्वीकार कर रहा है। समिति ने कहा कि वन अधिनियम 1927 उत्तरांचल संशोधन में प्रतिवादी ग्रामीणों को 10 दिन के भीतर अपील का अधिकार है, जिसको डीएफओ तराई पश्चिमी द्वारा कुचला जा रहा है।

संयुक्त संघर्ष समिति जिलाधिकारी से मांग करते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 14 में सभी नागरिकों को कानून के समक्ष बराबरी का अधिकार है, अतः कालूसिद्ध, पूछड़ी समेत सभी वन ग्रामों में बिंदुखत्ता की तरह राजस्व ग्राम बनाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए तथा वन अधिकार कानून 2006 को लागू किया जाए।

समिति ने कहा कि भारतीय वन अधिनियम 1927 उत्तरांचल संशोधन में नोटिस देने, जांच करने, मुकदमा सुनने, व निर्णय देने की सभी शक्तियां वनाधिकारी को दे दी गई हैं जो की भारत के संविधान के अनुच्छेद 50 का उल्लंघन है अतः इस कानून को रद्द कर 2001 से पूर्व की व्यवस्था को लागू किया जाना चाहिए।

ज्ञापन के साथ समिति ने राजस्व विभाग का पुराना नक्शा जिसमें ग्राम पूछड़ी बंजर भूमि है, डीएफओ कार्यालय में नकल हेतु 20 सितंबर को दिए गए प्रार्थना पत्र की प्रति, वर्ष 1996 में वन विभाग द्वारा दायर मुकदमा काशीपुर न्यायालय द्वारा खारिज करने के आदेश की प्रतियां भी संलग्न की हैं।

आंदोलन की आगामी रणनीति के लिए 16 अक्टूबर को ग्राम समिति द्वारा ग्राम पूछड़ी में बैठक बुलाई गई है। ललित उप्रेती के संचालन में हुई सभा को उपपा नेता प्रभात ध्यानी, मौ आसिफ, इंकलाबी मजदूर केंद्र के रोहित रुहेला, भुवन चंद्र, महिला एकता मंच की ललिता रावत, रेनू, साहिस्ता, आइसा नेता सुमित, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की तुलसी छिंबाल, पछास के रवि, जगमोहन रावत, पंचायत संघर्ष मोर्चा के मोहम्मद सफी और समाजवादी लोकमंच के मनीष कुमार आदि ने संबोधित किया।

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