निर्भया गैंगरेप केस में चौथी बार जारी हुआ डेथ वारंट, चारों दोषियों को 20 मार्च को फांसी

Update: 2020-03-05 09:41 GMT

इससे पहले दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा खारिज किए जाने के बाद अब चारों दोषियों के पास कानून विकल्प नहीं बचे हैं...

जनज्वार। निर्भया केस के चारो दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी कर दिया गया है। अब विनय शर्मा, मुकेश सिंह, पवन गुपता और अक्षय कुमार सिंह को 20 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी दी जाएगी। यह चौथी बार है कि दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी किया गया है। हालांकि दोषियों के वकील एपी सिंह ने इस फैसले को गलत बताया और कहा कि अभी उनके पास और कोई विकल्प हैं। एपी सिंह के मुताबिक, कोर्ट में मुझसे कहा गया कि मैं आग से खेल रहा हूं। मुझे डराया जा रहा है।

ससे पहले दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा खारिज किए जाने के बाद अब चारों दोषियों के पास कानून विकल्प नहीं बचे हैं। निर्भया के परिजनों द्वारा कोर्ट में नई याचिका दायर करते हुए चौथी बार चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी करने की गुहार लगाई गई थी। बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट अब तक तीन बार डेथ वारंट जारी किया जा चुका है।

स बीच निर्भया की मां आशा देवी ने उम्मीद जताई है कि कोर्ट गुरुवार को नया डेथ वारंट जारी कर देगा। उन्होंने कहा 'चारों दोषी सारे कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल कर चुके हैं। मैं उम्मीद करती हूं कि कोर्ट आज नया डेथ वारंट जारी कर देगा।'

दोषी पवन की क्यूरेटिव पिटीशन को खारिज करते हुए जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली 5 जजोंकी बेंच ने कहा था कि सजा पर पुनर्विचार करने का कोई सवाल ही नहीं उठता। इससे पहले राष्ट्रपतिन निर्भया मामले में तीन अन्य दोषियों अक्षय, विनय और मुकेश की दया याचिका पहले ही खारिज कर चुके हैं।

दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि आज चौथा डेथ वॉरट जारी हुआ है। 2013 में चारों दोषियों को फांसी दी गई। फिर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने फांसी दी। इसके बाद पुनर्विचार याचिका में चारों गुनहगारों को फांसी दी गई। फिर क्यूरेटिव पिटिशन जब खारिज हुई तब फांसी दी गई। दया याचिका खारिज हुई तब फांसी दी गई। तीन बार और फांसी दे चुके हैं। मैं जानना चाहता हूं कि आप कितनी बार फांसी दोगे।

दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल छात्रा से चलती बस में दरिंदगी की थी। गंभीर जख्मों के कारण 26 दिसंबर को सिंगापुर में इलाज के दौरान निर्भया की मौत हो गई थी। घटना के 9 महीने बाद यानी सितंबर 2013 में निचली अदालत ने 5 दोषियों राम सिंह, पवन, अक्षय, विनय और मुकेश को फांसी की सजा सुनाई थी। मार्च 2014 में हाईकोर्ट और मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा बरकरार रखी थी। ट्रायल के दौरान मुख्य दोषी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। एक अन्य दोषी नाबलिग होने की वजह से 3 साल में सुधार गृह से छूट चुका है।

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