संपादक सुभाष राय से घर में घुसकर गुंडागर्दी करने वाले एसटीएफ इंस्पेक्टर रंजीत राय को DGP उत्तर प्रदेश ने किया निलंबित

Update: 2018-06-11 13:21 GMT

वरिष्ठ पत्रकार के घर पहुंचा था सादी वर्दी में बंदूकधारियों की फौज लेकर, धमकाते हुए बोला था, मैं एसटीएफ से रणजीत राय हूँ, जो उखाड़ना हो, उखाड़ लो...

जनज्वार, लखनऊ। वरिष्ठ पत्रकार और जनसंदेश टाइम्स के मुख्य संपादक सुभाष राय के घर में घुसकर गुंडागर्दी करने वाले एसटीएफ इंस्पेक्टर रंजीत राय को DGP उत्तर प्रदेश ने आज शाम तकरीबन पांच बजे निलंबित कर दिया है।

गौरतलब है कि बिना ड्यूटी अपने परिचित जोकि वरिष्ठ पत्रकार सुभाष राय के पड़ोसी हैं और उन्हें परेशान कर रहे थे, के साथ हुए विवाद में फोन पर इंस्पेक्टर रंजीत सिंह गुंडागर्दी करने और धमकाने के लिए सुभाष राय के घर पर 10 बंदूकधारियों को साथ लेकर आया था।

जब वह सुभाष राय के घर पर आया तब वह और उनकी पत्नी ही घर पर थे। एसटीएफ इंस्पेक्टर रंजीत राय ने सुभाष राय को धमकाते हुए कहा था, ‘अब तुम किसी पुलिस वाले को, किसी दरोग़ा को, एसपी को, जिसको चाहो बुला लो। देखता हूँ तुम्हारी औक़ात क्या है। ये देखने से ही गुंडा लगता है, पत्रकार है, गुंडई करता है। अब बता कौन आएगा तुझे बचाने, बोल कौन है बुला। नम्बर दे मैं बुलाता हूँ।’

संपादक सुभाष राय के घर में घुसकर की यूपी एसटीएफ के इंस्पेक्टर ने गुंडागर्दी

सुभाष राय ने खुद के साथ हुई इस घटना को सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर शेयर किया था, साथ ही एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश को भी खुद और पत्नी के साथ दिनदहाड़े, सरेआम हुई इस बदतमीजी के बाबत एक पत्र लिखा था।

सुभाष राय ने लिखा था, 'एक गुस्साया हुआ आदमी दर्जन भर लोगों के साथ रविवार 10 जून शाम तीन से चार के बीच मेरे विराजखंड स्थित आवास पर आ धमका। तब मैं और मेरी पत्नी केवल हम दो ही घर पर थे। उनमें से कई हथियारों से लैस थे। वे सब धड़ाधड़ रैम्प फलाँगते हुए मेरे दरवाज़े के अंदर आ गए। चीख़ते, चिल्लाते और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए। हमलावर अन्दाज़। एक झटके में डरा देने की कोशिश। हम अवाक थे। लगा कि वह किसी भी क्षण मुझे थप्पड़ जड़ देगा, मेरी पत्नी पर हमले कर देगा।'

मीडिया ने भी इस मुद्दे को प्रमुखता के साथ उठाया और उत्तर प्रदेश सरकार पर इस पर जल्द से जल्द कार्रवाई करने के लिए दबाव बनाया।

उनके साथ हुई इस घटना पर सोशल मीडिया पर पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने खासा विरोध किया था। माना जा रहा है कि भारी दबाव के बाद उत्तर प्रदेश प्रशासन यह कदम उठाने को मजबूर हुआ होगा। प्रमुख सचिव गृह पर भी वरिष्ठ पत्रकार के साथ हुई इस गुंडई के बाद रंजीत सिंह पर कार्रवाई करने का दबाव पड़ रहा था।

(फोटो रंजीत राय की एफबी प्रोफाइल से)

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