अंबानी के देश छोड़कर भागने की आशंका, कोर्ट से हुई रोकने की अपील

Update: 2018-10-03 15:41 GMT

अंबानी से 550 करोड़ बकाया न मिलने पर स्वीडन की टेलिकॉम इक्विपमेंट कंपनी एरिक्सन ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा

रिलायंस कम्युनिकेशन पहले से ही है लगभग 45,000 करोड़ रुपये के कर्ज में, जिसमें से एरिक्सन का है करीब 1,600 करोड़ रुपये बकाया....

जनज्वार। अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशन द्वारा बकाया न चुकाए जाने पर स्वीडन की टेलिकॉम इक्विपमेंट कंपनी एरिक्सन ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि वह उन्हें भारत छोड़कर न जाने दे।

गौरतलब है कि इस संबंध में एरिक्सन ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है, जिसमें कहा गया है रिलायंस ने 30 सितंबर तक उसका बकाया 550 करोड़ देने का वादा किया था, जो कि अब तक नहीं निभाया गया है। जब तक रिलायंस द्वारा एरिक्सन की बकाए की रकम नहीं चुकाई जाती तब तक रिलायंस के चेयरमैन अनिल अंबानी और उनकी कंपनी के दो बड़े अधिकारियों को देश से बाहर न जाने दिया जाए।

वहीं इस मामले में रिलायंस कम्युनिकेशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कारण बताया है कि स्पेक्ट्रम बिक्री पूरी नहीं होने के कारण बकाया रकम नहीं चुकाई गई है, इसलिए कोर्ट एरिक्सन की बकाया रकम के भुगतान के लिए रिलायंस को दो महीने का समय दे।

स्वीडन की टेलिकॉम इक्विपमेंट कंपनी एरिक्सन ने रिलायंस के अखिल भारतीय टेलिकॉम नेटवर्क को ऑपरेट और मैनेज करने के लिए 2014 में सात साल की डील की थी, जिसमें अब उसने अपना 1600 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया वसूलने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

अनिल अंबानी द्वारा बकाया चुकाने में की गई वादाखिलाफी पर एरिक्सन ने कोर्ट में कहा कि रिलायंस कम्युनिकेशंस को न तो देश के कानून की कोई परवाह है और न वह कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश को गंभीरता से लेती है। इसीलिए कोर्ट के ऑर्डर के बिना इन लोगों को देश के बाहर न जाने दिया जाए। एरिक्शन ने कहा अंबानी देश के कानून की कतई भी इज़्ज़त नहीं करते, ऐसा उन्होंने कानूनी प्रक्रिया का अपमान करके साबित भी कर दिया है।

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