भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज, नफरत फैलाने और भड़काऊ बातें बोलने का आरोप
अपने भड़काऊ और नफरती बयानों के लिए विवादों रहने वाले भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद से सियासत गर्माने की उम्मीद है, क्योंकि मुकदमे का आधार देश के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों को लेकर संबित पात्रा द्वारा अमर्यादित टिप्पणियों का भी है...
जनज्वार, रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस ने सोमवार 11 मई की देर रात भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। मुकदमा राज्य की राजधानी रायपुर के सिविल लाइंस थाने में दर्ज हुआ है।
पुलिस के अनुसार यह मुकदमा देश के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू और राजीव गांधी के खिलाफ अशोभनीय बयान देने को लेकर दर्ज किया गया है। संबित पर आरोप है कि वे ऐसे बयान देकर समाज समाज के विविन्न समुदायों में शत्रुता बढ़ाने और धार्मिक भावनाएं आहत कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पूर्णचंद पाधी की शिकायत पर दर्ज किया गया है।
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अपने एक अन्य ट्वीट में पूर्णचंद पाधी ने संबित पात्रा को झूठा करार देते हुए कहा है,
रायपुर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आरिफ शेख ने मीडिया को बताया कि रायपुर के सिविल लाइंस थाने में पुलिस ने युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पूर्णचंद्र पाढ़ी की शिकायत पर संबित पात्रा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने संबित पात्रा के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है और जांच शुरू हो गयी है। मुकदर्मा सेक्शन 153 ए ' धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा, आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना', 505'2' 'बयान देकर लोगों का भड़काना' और 298 के तहत दर्ज हुआ है। मामले की जांच की जा रही है।
पुलिस के मुताबिक, पाधी ने पुलिस में शिकायत की थी कि पात्रा ने 10 मई को ट्वीट कर दो पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और राजीव गांधी पर कश्मीर मामले और वर्ष 1984 में हुए सिख विरोधी दंगे तथा बोफोर्स घोटाला को लेकर झूठा आरोप लगाया था।
पुलिस के पास दी गयी अपनी शिकायत में पूर्णचंद पाधी ने कहा है कि दोनों पूर्व प्रधानमंत्री को किसी भी भ्रष्टाचार और दंगों से संबंधित मामले में दोषी नहीं ठहराया गया है। इस समय जब देश कोविड-19 जैसी चुनौतियों से लड़ रहा है, ऐसे में इस तरह का ट्वीट करना ना केवल विभिन्न धार्मिक समूहों, समुदायों के बीच सद्भाव के लिए हानिकारक है, बल्कि इससे शांति भंग होने की भी आशंका है।'