पहली बार भाजपा-कांग्रेस के घोषणापत्र में दिखा पर्यावरण का मुद्दा

Update: 2019-04-17 10:03 GMT

प्रतीकात्मक फोटो

काफी सुखद समाचार है कि दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी में बैठने वाले हुक्मरानों और उनकी पार्टियों को आजादी के 70 साल बाद यह अहसास हुआ कि घोषणापत्रों में पर्यावरण को भी एक मुद्दे के तौर पर रखा जाना चाहिए।

जनज्वार, दिल्ली। 2019 चुनावों में पहली बार दो राष्ट्रीय पार्टियों भाजपा और कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्रों में पर्यावरण की चिंता के साथ चर्चा की है। हालांकि पहले कांग्रेस ने जाहिर की, उसके भाजपा को लगा कि इसे शामिल किया जाना चाहिए। कांग्रेस ने हेल्थ इमरजेंसी मानते हुए अपने घोषणापत्र में शामिल किया है तो भाजपा ने पहाड़ी राज्यों को ग्रीन बोनस देने की बात कही है।

ऐसे में सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ घोषणापत्र की शोभा बढ़ाने के लिए और पाप छुड़ाने के लिए इन पार्टियों ने घोषणापत्र में पर्यावरण के मुद्दे को शामिल किया है या फिर कोई गंभीरता भी है।

आइए, इस पूरे मामले को पिछले 20 वर्षों से पर्यावरण के सवालों पर पत्रकारिता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी से समझते हैं...

हृदयेश जोशी से अजय प्रकाश की बातचीत

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