कोरोना से यूपी में कम उम्र की पहली मौत, बस्ती के 25 वर्षीय युवक ने गोरखपुर में तोड़ा दम
युवक को बीती रविवार को गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। सोमवार की सुबह उसकी मौत हो गई। युवक को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी...
जनज्वार ब्यूरो। दिनों दिन विस्तार ले रहा कोरोना वायरस अब उत्तर प्रदेश में भी फैल रहा है। कोरोना की चपेट में आकर मौत का पहला मामला सामने आया है। यूपी के बस्ती जिला निवासी 25 साल का युवक कोरोना संक्रमित था, जिसकी गोरखपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई। युवक की मौत दो दिन पहले ही हुई थी, जिसकी रिपोर्ट बुधवार को कोरोना पॉजिटिव आई है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के मरीज 100 के पार हो चुके हैं। जिनमे सबसे ज्यादा मामले नोएडा से आ रहे हैं।
राजधानी लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि गोरखपुर से जिस 25 वर्षीय हसनैन अली की रिपोर्ट आई थी, वह पॉजिटिव है। हसनैन बस्ती के गांधीनगर इलाके के रहने वाला था। युवक को बीती रविवार को गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। सोमवार की सुबह उसकी मौत हो गई। युवक को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। मौत के बाद स्टाफ ने बताया कि उनके अंदर कोरोना के लक्षण पाए गए थे।
आज आई थी पॉजिटिव आई रिपोर्ट
लखनऊ की किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि युवक के सलाइवा का नमूना टेस्ट के लिए पहले बीआरडी मेडिकल कॉलेज की लैब में भेजा गया। वहां से जो रिपोर्ट मिली वो रीऐक्टिव थी। जिसे पुष्टि के लिए मंगलवार को केजीएमयू भेजा गया था। आज बुधवार की सुबह जो रिपोर्ट आई है वह पॉजिटिव है। इस बारे में विस्तृत जानकारी सीएमओ गोरखपुर देंगे।
किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता डॉ. सुधार सिंह ने बताया कि मंगलवार शाम आए सैंपल में से दो की रिपोर्ट पॉजिटिव हैं। इसमें आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती 54 साल के एक शख्स की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके अलावा बस्ती के हसनैन की रिपोर्ट पॉजिटिव थी। इन दो केसों के अलावा अभी कोई नया केस नहीं सामने आया है।
इस बीच कोरोना पॉजिटिव मृतक 25 वर्षीय हसनैन के संपर्क में आने वाले लोगों को अब आइसोलेट किया जा रहा है। मेडिकल कॉलेज में आने से पहले वह बस्ती जिले के अस्पताल में 7 दिन तक भर्ती था। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हाई अलर्ट घोषित किए जाने के साथ ही प्रशाशन कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग भी कर रहा है।
बताया जा रहा है इन अस्पतालों के स्टॉफ को पहले ही आइसोलेट कर दिया गया है। गोरखपुर में सोमवार को मरीज की मौत के बाद इसे कोरोना का केस मानते हुए तमाम स्वास्थ्यकर्मियों को आइसोलेट किया गया था। एहतियात के तौर पर उसके संपर्क में आए तमाम स्वास्थ्यकर्मी सख्त निगरानी में रखे गए। मृत मरीज के सैंपल को जांच के लिए लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में भेजा गया था।
उधर बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने कहा कि 'मरीज में कोरोना जैसे लक्षण थे, लेकिन डॉक्टर समय से उसकी पहचान करने में चूक गए। युवक की डेड बॉडी मरने के बाद भी 4 घंटे तक अस्पताल में ही पड़ी रही, जिसे हॉस्पिटल स्टॉफ की गंभीर लापरवाही कहा जा रहा है।'