5 जून को अपनी मांगों को लेकर अररिया के किसान करेंगे जिला कृषि पदाधिकारी के ​दफ्तर का घेराव

Update: 2018-06-03 10:19 GMT

2 जून को इस प्रदर्शन के लिए किसानों ने की पूर्व तैयारी की मीटिंग, जन जागरण शक्ति संगठन के बैनर तले आयोजित होगा प्रदर्शन

अररिया, जनज्वार। जन जागरण शक्ति संगठन के बैनर तले किसान अपनी मांगों को लेकर 5 जून को अररिया के जिला कृषि पदाधिकारी का घेराव किया जाएगा। उसी की तैयारी मीटिंग कल 2 जून को आयोजित की गई, जिसमें कई गांवों के किसानों ने हिस्सा लिया।

जन जागरण शक्ति संगठन किसानों की मांगों को लेकर उन्हें संगठित कर उनसे बातचीत करने का काम कर रही है, जिसमें सरकार की तरफ से किस तरह किसानों और उनकी क्षतिग्रस्त हो चुकी फसलों की अनदेखी की जा रही है उस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जाएगा।

बिहार में मक्के की फसल 50 फीसदी बेकार

गौरतलब है कि अभी तक आंधी ओला में क्षतिग्रस्त हुई मक्के की फसल का कृषि विभाग ने ठीक से सर्वे नहीं किया है। साथ ही मक्के में दाने नहीं लगने का भी सर्वे भी बहुत ढीला ढाले तरीके से किया गया है। विभाग के इस रवैये पर किसानों में बहुत आक्रोश व्याप्त है।

जन जागरण शक्ति संगठन 17 अप्रैल से लगातार इन मामले को उठा रहा है, मगर कृषि पदाधिकारी गोलमोल जवाब देकर रह जा रहे हैं। कृषि पदाधिकारी ने न तो ठीक से पूरे जिले में सर्वे कराया और न तो क्षति का सही आकलन ही प्रस्तुत किया है।

इसी से आक्रोशित किसानों ने जन जागरण शक्ति संगठन के बैनर तले अपनी मांगों और प्रशासन की तरफ से की जा रही बेरुखी के विरोध में 5 जून को जिला कृषि पदाधिकारी के दफ्तर का घेराव करने का निर्णय लिया है।

गौरतलब है कि इसी बीच देशभर के किसान संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर 1 जून से 'गांव बंद' प्रदर्शन व्यापक पैमाने पर देशभर में आयोजित किया है। इसके तहत गांव से दूध, फल—सब्जियों की सप्लाई बंद कर दी गई है, ताकि शासन—प्रशासन उनकी मांगों की तरफ कान दे। हालांकि बजाय किसानों के मुद्दों पर कान देने के केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह का यह बयान जरूर सुर्खियों में है कि मीडिया में फ़ोटो चमकाने के लिए किसान आंदोलन कर रहे हैं। यानी उनके लिए किसानों की आत्महत्या भी एक मीडिया स्टंट है और उनकी अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन भी।

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