बोकारो में एंड्रायड फोन के लिए युवक ने ली दोस्त की जान

Update: 2018-01-15 20:42 GMT

मनीष और नीतेश की दोस्ती का कारण भी मोबाइल ही था और मौत का कारण भी यही बना...

बोकारो। मोबाइल की लत किसी की जान भी ले सकती है, खासकर युवाओं में मोबाइल की लत जिस तरह से लगी है, वह खतरनाक है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है झारखंड के बोकारो जिले में। यहां एक युवा ने अपने नाबालिग दोस्त की जान इसलिए ले ली क्योंकि उसे उसका मोबाइल चाहिए था। मोबाइल का नशा उस पर इस कदर हावी था कि उसने इसके लिए किसी का कत्ल करने से भी गुरेज नहीं किया।

घटनाक्रम के मुताबिक बोकारो जनपद के बेरमो प्रखंड स्थित चंद्रपुरा थाना क्षेत्र में 20 वर्षीय मनीष ने 13 वर्षीय नीतेश की हत्या कर दी और उसके शव को तारमी कोलियारी से सटे हुए जंगल में फेंक दिया। जब ग्रामीणों ने बच्चे का शव देखा तो परिजनों और पुलिस को खबर की।

गौरतलब है कि चंद्रपुरा थाना क्षेत्र के तारमी पंचायत स्थित तारमी बस्ती के प्रमोद गिरि का 13 साल का इकलौता बेटा नीतेश गिरि 12 जनवरी की शाम से घर से लापता था। बच्चे के गुम होने की रिपोर्ट उसके परिजनों ने चंद्रपुरा थाने में दर्ज कराई थी।

पुलिस की जांच में ही यह बात सामने आई है कि तारमी बस्ती के ही मनीष गिरि ने मोबाइल के लालच में नीतेश को मौत के घाट उतार दिया। शुरुआती छानबीन के बाद पुलिस ने बताया कि मनीष ने एंड्रायड फोन रेडमी नोट फोर (Redmi Note4) के लिए नीतेश की हत्या कर दी। मृतक छात्र नीतेश बिनोद बिहारी महतो सरस्वती विद्या मंदिर गुंजरडीह में सातवीं कक्षा का छात्र था।

मनीष और नीतेश की दोस्ती का कारण भी मोबाइल ही था। नीतेश अपनी उम्र से 7 साल बड़े मनीष के साथ मोबाइल पर लगा रहता था। एंड्रायड फोन को हड़पने के लिए मनीष ने जाल बिछाया और नीतेश की जान ले ली।

हत्या करने से पहले मनीष नीतेश को विश्वास में लेकर अपने साथ जंगल में ले गया और गला घोटकर उसकी हत्या कर दी। बाद में जब पुलिस ने मृतक नीतेश के मोबाइल फोन को ट्रेस किया तो हत्यारे युवक को पकड़ा गया।

पुलिस के मुताबिक नीतेश ने अंतिम बार मनीष से ही बात की थी। शुरुआत में मनीष ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, मगर जब पुलिस सख्ती से पेश आई तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। मनीष ने कहा कि एंड्रायड मोबाइल के लालच में उसने नीतेश की गला घोटकर हत्या कर दी।

पुलिस को आरोपी युवक ने बताया कि उसने क्रिकेट खेलने के बहाने नीतेश को फोन करने बुलाया था और बहला—फुसलाकर वह उसे जंगलों की तरफ ले गया था। मनीष को लगा कि अगर वह जंगलों की तरफ उसका शव फेंक देगा तो किसी को पता भी नहीं चल पाएगा कि उसने उसका खून किया है, मगर पुलिस ने जब मृतक नीतेश का मोबाइल नंबर ट्रेस किया तो उसका भांडा फूट गया और उसने पुलिस के सामने अपना जुर्म कबूल कर लिया। नाबालिग लड़के की मात के बाद गांव में तनाव का माहौल है।

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