मस्जिद में बलात्कार की शिकार बच्ची बोली, मुझे पानी में बेहोशी की दवा देकर करते थे गंदा काम

Update: 2018-05-01 22:49 GMT

क्राइम ब्रांच ने किया नया खुलासा, कहा बच्ची को मदरसे में ले जाने वाला लड़के के आधार कार्ड के अनुसार है वह बालिग...

दिल्ली, जनज्वार। जम्मू कश्मीर के कठुआ की बच्ची जैसी दरिंदगी दिल्ली से सटे साहिबाबाद में भी हुई थी। कठुआ में बलात्कारियों ने मंदिर चुना था तो यहां मस्जिद। हालांकि यहां सुकून की बात यह रही कि 10 साल की बच्ची की जान बचा ली गई।

समाचार एजेंसी एएनआई से हुई बातचीत में बच्ची ने बताया, बलात्कार के मुख्य आरोपी ने मुझे मदरसे में डरा—धमकाकर रहने को मजबूर किया। वह मुझे मेरे परिवार को खत्म कर देने की धमकी देता था, उसने मुझसे मेरा फोन भी छीन लिया। मदरसे के मालिक ने भी मुझे धमकाया। मुझे पीने के लिए पानी दिया गया, जिसके बाद मैं अचेत हो गई। जब अगले दिन मैं जगी तो मेरे कपड़े गीले थे।

इस मामले में जहां मुख्य आरोपी लड़के को नाबालिग बता बाल सुधार गृह भेज दिया गया है, जबकि अब पुलिस के हाथ उसका जो आधार कार्ड लगा है उसके मुताबिक वह बालिग है। सही उम्र पता करने के लिए उसका बोनी टेस्ट भी करवाया गया है, जिसकी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि बोनी टेस्ट में भी उसे बालिग बताया गया है।

वहीं पुलिस क्राइम ब्रांच आरोपी मौलवी को यह कहते हुए क्लीनचिट दे रही है कि हमारी शुरुआती जांच में अभी तक मदरसे के मौलवी और दूसरे लोगों की भूमिका सामने नहीं आई है। यह तब है जबकि मेडिकल रिपोर्ट में बच्ची के साथ बलात्कार की पुष्टि हो चुकी है और बच्ची भी मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराए गए बयान में कह चुकी है कि मौलवी ने भी उसके साथ गंदा काम किया था।

मीडिया में आई जानकारी के मुताबिक 21 अप्रैल को दिल्ली के गाजीपुर से एक बच्ची लापता हुई थी, जिसे पुलिस ने साहिबाबाद के नीलमणी कॉलोनी स्थित मदरसे से बरामद किया। बच्ची ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि 21 अप्रैल को जब वह घर से कुछ सामान लेने के लिए घर से निकली थी तो पड़ोस में रहने वाली एक लड़की ने उसे अपने एक दोस्त से मिलने के लिए बुलाया। यहां उसे 17 वर्षीय वह लड़का मिला, जो पीड़ित बच्ची को मदरसे में लेकर गया और बलात्कार में वह मुख्य आरोपी है।

मजिस्ट्रेट के सामने हुए बयान में पीड़ित बच्ची ने बताया कि जो लड़का उसे मदरसे तक ले गया था, वह और मदरसे का मौलवी उसका रेप करने के बाद उसे कमरे में बंद कर देते थे। मैं मदद के लिए चिल्लाती रहती थी, मगर मेरी आवाज कोई नहीं सुन पाता क्योंकि बगल में क्लासेस चलती रहती थीं। बच्ची के मुताबिक मौलवी और उस लड़के के अलावा कुछ और लोगों ने भी उसके साथ गंदी हरकतें कीं।

मीडिया में आई खबरों और पुलिस के मुताबिक जब बच्ची को मदरसे से छुड़ाया गया तब एक कपड़ा लपेटकर वह डरी—सहमी एक चटाई पर लेटी हुई थी। बच्ची को उस कमरे में रखा गया था, जहां मौलवी आराम करने पहुंचता था।

जिस मस्जिद में यह कांड हुआ वह इमारत साहिबाबाद के स्थानीय मस्जिद कमिटी की है, जिसमें मौलवी बच्चों को पढ़ाता था। मौलवी के नियुक्ति पिछले साल ही की गई थी।

बलात्कार में शामिल मुख्य आरोपी नाबालिग लड़के ने पुलिस काउंसलिंग में बताया कि वह उस मदरसे का छात्र रहा है जहां कांड हुआ था। वह तब से पीड़िता को जानता है, जब उसका परिवार साहिबाबाद में रहता था। पीड़िता परिवार गाजीपुर शिफ्ट होने के बाद उसने सोचा कि वह उसे फुसलाकर यहां लाएगा।

बच्ची के साथ मस्जिद में हुए दुष्कर्म की खबर सामने आने के बाद आरोपी बलात्कारी मौलवी और लड़के पर कोई न होने से नाराज कई हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने विरोध में 25 अप्रैल को एनएच-24 जाम कर दिया, जिससे लोगों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ा, पुलिस से लोगों की झड़प भी हुई इस दौरान।

 

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