ग्राउंड रिपोर्ट : जामिया गोलीकांड को अंजाम देने वाले गोपाल को कट्टरपंथ की राजनीति सिखा कट्टा पकड़ाया किसने?

Update: 2020-02-01 05:43 GMT

जामिया गोलीकांड के आरोपी गोपाल के गांव जेवर से जनज्वार टीम की ग्राउंड रिपोर्ट

जनज्वार। 30 जनवरी को दिल्ली के जामिया इलाके में एक युवक ने CAA के विरोध में आंदोलन कर रहे छात्रों पर फायरिंग की। इस घटना के बाद पुलिस ने युवक को हिरासत में ले लिया है, मगर उसके बाद सोशल मीडिया पर चले विमर्श में तरह—तरह की फेक न्यूज परोसी जाने लगी। 17 साल के 12वीं में पढ़ने वाले इस हिंदू अतिवाद से प्रभावित छात्र की उम्र को लेकर तरह-तरह का विमर्श चलने लगा। यहां तक कहा जाने लगा कि 20 साल पहले उसके पिता की मौत हो गयी है तो हिंदू संगठन जाली मार्कशीट बनवाकर ले आये हैं सामने उसे निर्दोष और नाबालिग साबित करने के लिए।

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उसमें तमाम उल—जुलूल बातें की जाने लगीं। तथाक​​थित बुद्धिजीवी भी इस रेस में शामिल हो गये बिना सच को जांचे—परखे। गोपाल के परिवार, गांव, समाज को जानने के लिए जनज्वार टीम उसके गांव पहुंची तो सामने आया कि गोलीकांड का आरोपी रामभक्त गोपाल 17 साल का ही है और उसके पिता न सिर्फ जिंदा हैं बल्कि मामूली सी पान की दुकान चलाते हैं।

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जनज्वार टीम ने दिल्ली के जामिया इलाके में प्रदर्शनकारियों पर गोली दागने वाले जेवर के 17 वर्षीय किशोर गोपाल शर्मा के परिजनों, दोस्तों, पड़ोसियों और स्कूल वालों से बस एक ही सवाल किया कि जिस उम्र में गोपाल के हाथों में किताब—कलम होनी चाहिए थी, उस उम्र में उसे कट्टरपंथ की राजनीति सिखाकर कट्टा पकड़ाया किसने? कौन लोग हैं जो किशोर उम्र के बच्चों को हिंदू—मुसलमान सिखा रहे हैं, कौन लोग हैं जो अपना उल्लू सीधा करने के लिए युवाओं को राजनीतिक रूप से बरगला कर चरमपंथी बना रहे हैं, गोडसे जिंदाबाद बोलने का तर्क पकड़ा रहे हैं?

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आइये जानते हैं वो पूरा सच, जो जामिया गोलीकांड में शामिल गोपाल के परिजनों, गांव वालों, रिश्तेदारों ने जनज्वार टीम के सामने रखा

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