Breaking : जामिया के छात्र पर गोली चलाने से पहले गोपाल ने FB पर लिखा 'शाहीनबाग का खेल खत्म'
दिल्ली के जामिया में गोली चलाने वाले की पहचान हो चुकी है, छात्र पर तमंचा लहराकर फायरिंग करने वाला शख्स गोपाल है जो अपने फेसबुक प्रोफाइल पर खुद को रामभक्त गोपाल लिखता है, उसकी तमाम एफबी पोस्ट से होता है जाहिर कि हिंदू अतिवादी राजनीति से था वह कितना प्रभावित
जनज्वार। दिल्ली के जामिया में गोली चलाने वाले हिंदूवादी युवक की पहचान कर ली गयी है। गोलीकांड करने से काफी देर पहले से वह फेसबुक पर लाइव था और तमाम तरह के स्टेटस लिख रहा था, जिस पर सैकड़ों कमेंट हैं जो उसे अपना हीरो साबित कर रहे हैं। इसका फेसबुक प्रोफाइल रामभक्त गोपाल के नाम से बना है।
अपने एक स्टेटस में उसने लिखा है, 'मेरी अंतिम यात्रा पर मुझे भगवा में ले जायें और जय श्री राम के नारे हों...' उसके इस स्टेटस से स्पष्ट होता है कि वह जामिया में दंगा फैलाने के इरादे से ही गया था।
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गोलीकांड से लगभग 1 घंटे पहले उसने फेसबुक लाइव किया और स्टेटस लगाया था 'शाहीनबाग का खेल खत्म', जिस पर जयश्री राम, हिंदुत्व और राष्ट्रवाद जय श्रीराम जैसे तमाम कमेंटों की भरमार है। इससे ठीक पहले अपने एक और स्टेटस में उसने लिखा है, 'कोई हिन्दू मीडिया नहीं है यहाँ...'
एक अन्य स्टेटस में गोपाल लिखता है, 'चंदन भाई ये बदला आपके लिए है...' जिस चंदन की वह बात कर रहा है वह वही युवक है जो कासगंज में हुए दंगे के दौरान गोली लगने से मारा गया था। चंदन भी हिंदूवादी संगठन से जुड़ा हुआ था।
ये है रामभक्त गोपाल की एफबी प्रोफाइल का लिंक : https://www.facebook.com/rambhakt.gopal
अपने बारे में वह फेसबुक पर लिखता है, रामभक्त गोपाल नाम है हमारा, BIO में इतना काफी है, बाकी सही समय आने पर, जय श्री राम...' उसने एफबी प्रोफाइल में खुद को जेवर से बजरंग दल का कार्यकर्ता लिखा हुआ है।
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यह हिंदू अतिवादी गोपाल जामिया का छात्र नहीं है। फायरिंग से पहले गोपाल कई बार जामिया से अपने फेसबुक अकाउंट पर लाइव भी हुआ था, ताज्जुब की बात तो यह कि उसकी फेसबुक लाइव पोस्ट को जहां सैकड़ों लोगों ने शेयर किया है, वहीं हजारों लोगों ने वीडियो देखी हुई है। उसकी एफबी प्रोफाइल पर शेयर की गयी तमाम पोस्टें, तस्वीरों से जाहिर होता है कि वह हिंदू अतिवाद से कितना ज्यादा प्रभावित था, कि उसके लिए जान तक न्यौछावर करने को तैयार रहता था।
गौरतलब है कि आज 30 जनवरी को CAA—NRC के विरोध में दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से राजघाट तक मार्च के दौरान अचानक गोपाल ने फायरिंग शुरू कर दी। उसने फायरिंग पुलिस की मौजूदगी में की। ताज्जुब की बात तो यह है कि पुलिस के सामने ही पिस्तौल लहराकर उसने छात्र को गोली मारी, मगर दिल्ली पुलिस हाथ बांधे खड़ी रही। बात—बात पर एनकाउंटर करने वाली पुलिस को आखिर किस बात का इंतजार था, क्या वहां बड़ी हिंसक वारदात का इंतजार किया जा रहा था या पुलिस किसी के इशारे पर काम कर रही थी।
जिस इलाके में CAA—NRC के खिलाफ मार्च निकाल गया था, वहां बड़ी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती थी, मगर गोपाल खुलेआम फायरिंग करता रहा।
कल 29 जनवरी को ही गोपाल ने अपने एक एफबी स्टेटस में कासगंज में मारे गये युवक चंदन की फोटो शेयर करते लिखा था, 'पहला बदला तेरा होगा भाई ##चंदन'
उसके बाद आज 30 जनवरी की सुबह CAA के समर्थन में बैठे एक शख्स की फोटो शेयर करते हुए उसने लिखा है, 'शाहीन बाग, हज़ारों विरोधियों के ठीक सामने एक अकेला शख्स जो CAA के समर्थन में बैठा है। हिम्मत और जज़्बे की दाद दीजिये।'
28 जनवरी को उपदेश राणा की शाहीनबाग खाली कराने की धमकी भरी एक पोस्ट शेयर करते हुए गोपाल लिखता है, 'राणा जी तब तक तो प्रशाशन ही करा देगा खाली, चुनाव आयोग ही करा देगा,उसके बाद करने का मतलब ही क्या बनता है। अब तक क्यों नहीं किया?????? तुमसे आधे भी फॉलोअर मेरे होते तो शाहीन बाग का जलिया वाला बाग बना देता अब तक...'