गुजरात: कोरोना महामारी के बीच आदिवासियों की जमीन छीनने पहुंची सरकार, ट्विटर ट्रेंड बना 'BJP हटाओ केवडिया बचाओ'

Update: 2020-05-10 09:14 GMT

हंसराज मीणा ने कहा, गुजरात के केवड़िया में किसान आदिवासियों को उनकी जमीन से बेदखल किया जा रहा है। एक साल से हम इस बात को कई बार रखकर कड़ा विरोध कर चुके है। लेकिन तानाशाही सरकार है कि मानती ही नहीं...

जनज्वार ब्यूरो। ऐसे समय में जब गुजरात कोरोना वायरस के संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, वहां की सरकार का ध्यान कोरोना वायरस से ज्यादा आदिवासियों की जमीन पर है। गुजरात सरकार पर्यटन के नाम पर आदिवासियों के खेतों का अधिग्रहण कर रही है। ऐसा दावा सोशल मीडिया पर किया जा रहा है। इसके वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहे हैं।

सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर और फेसबुक पर इसकों लेकर गुजरात की भाजपा सरकार की आलोचना हो रही है। ट्विटर पर 'बीजेपी हटाओ केवडिया बचाओ' ट्रेंड कर रहा है। फेसबुक पर माय आदिवासी नाम के एक पेज ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए बताया कि यह गुजरात के केवड़िया से आया आज का वीडियो है। यहां आदिवासी लॉकडाउन का पालन कर रहे थे लेकिन आदिवासियों के खेतों का अधिग्रहण करने आए अधिकारियों का यहां के लोगों ने विरोध किया।

https://www.facebook.com/myadivasi/videos/1097087517328561/

वीडियो में बताया गया है कि यहां के आदिवासियों का कहना है कि हमारी सरकार और उसके अफसर कोरोना वायरस से भी खतरनाक हैं। स्टेच्यु ऑफ यूनिटी के नाम पर आदिवासियों की पंचायत खत्म हो जाएगी। आदिवासी गांवों में शहरी विकास कानून लागू होने से आदिवासियों के संवैधानिक अधिकार खत्म हो रहे हैं। आदिवासी स्टेच्यु ऑफ यूनिटी के खिलाफ नहीं लेकिन पर्यटन के नाम पर अवैध भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं। स्टेच्यु ऑफ यूनिटी प्रोजेक्ट से प्रभावित हुए 72 गांवों में से 32 गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इनमें से 19 गांवों में तथाकथित पुनर्वास नहीं हुआ है।

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लेखक और ब्लॉगर हंसराज मीणा ने अपने ट्वीट में लिखा, गुजरात के केवड़िया में किसान आदिवासियों को उनकी जमीन से बेदखल किया जा रहा है। एक साल से हम इस बात को कई बार रखकर कड़ा विरोध कर चुके है। लेकिन तानाशाही सरकार है कि मानती ही नहीं। इसलिए अब इन आदिवासियों ने नारा दिया है-" बीजेपी हटाओ, केवड़िया बचाओ।"

गुजरात के केवड़िया में किसान आदिवासियों को उनकी जमीन से बेदखल किया जा रहा है। एक साल से हम इस बात को कई बार रखकर कड़ा विरोध कर चुके है। लेकिन तानाशाही सरकार है कि मानती ही नहीं।

इसलिए अब इन आदिवासियों ने नारा दिया है-

" बीजेपी हटाओ, केवड़िया बचाओ।"

— Hansraj Meena (@HansrajMeena)

?ref_src=twsrc^tfw">May 10, 2020

ट्विटर पर यूजर्स 'बीजेपी हटाओ केवड़िया बचाओ' हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए सरकार पर निशाना साथ रहे हैं। एक यूजरस ने लिखा, 'हम आदिवासियों को किसी बड़ी प्रतिमा की जरूरत नहीं है, हमें रोजगार की जरूरत है। हमारे आदिवासियों को जमीन से हटा दिया गया है, इसलिए हमारी जमीन को बचाने के लिए सभी आदिवासी भाइयों को एकजुट होना होगा।'

We tribals do not need any big statue, we need employment. Our tribals have been removed from the land, so to save our land all the tribal brothers have to unite.#BJP_हटाओ_केवडिया_बचाओ pic.twitter.com/16EQ9Kt31Y

— Rohit (@Rohit67878112)

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क अन्य ट्विटर यूजर जय भील ने कुछ स्थानीय अखबारों की कतरनों को पोस्ट करते हुए लिखा, गुजरात के सभी मीडिया से अनुरोध है कि लॉकडाउन में गुजरात सरकार द्वारा आदिवासियों की जमीन को छीनने का मुद्दा समाचार में दिखाओ।

Request to all media of Gujarat that the issue of Gujarat government is snatching tribal land in lockdown shows in the news.

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दिशा तडवी नाम की एक यूजर ने लिखा, 'धरती हमारी है, ये जल-जंगल हमारा है , इस पर जो आंख उठाएगा, जिंदा दफना दिया जाएगा। इसी को रिट्वीट करते हुए दूसरे यूजर ने लिखा, 'अब तक जिसका खून न खौला, वो खून नहीं वो पानी है…जो आदिवासियो के हक के लिए काम ना आये, वो बेकार जवानी है। बीजेपी हटाओ केवडिया बचाओ।'

अब तक जिसका खून न खौला, वो खून नहीं वो पानी है…जो आदिवासियो के हक के लिए काम ना आये, वो बेकार जवानी है… 🏹#BJP_हटाओ_केवडिया_बचाओ

— Vivek (@tadvivivek)

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संजय मीणा नाम के यूजर ने लिखा, 'जब देश के किसान और मजदूर कोरोना जैसी महामारी से लड़ रहे हैं। भाजपा सरकार द्वारा लॉकडाउन के इस समय में स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के नाम पर आदिवासियों की जमीन लूटी जा रही है। भाजपा किसान विरोधी है, आदिवासी विरोधी है।'

When the farmers and laborers of the country are fighting an epidemic like Corona. In this time of lockdown by the BJP government, the land of tribals is being looted in the name of Statue of Unity. BJP is anti-farmer, anti-tribal. #BJP_हटाओ_केवडिया_बचाओ pic.twitter.com/n93PFnGGWb

— Sanjay Meena (@SanjayUkroond)

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ट्राइबल आर्मी ने अपने ट्वीट में लिखा, 'गुजरात के केवड़िया में वहाँ के स्थानीय ग्रामीण किसान आदिवासियों की जमीन को सरकार तथाकथित विकास के नाम पर लेकर विस्तापन के जरिये उजाड़ रही हैं। हम लंबे समय से केवड़िया के आदिवासियों की जमीन को बचाने के लिए विरोध कर रहे हैं। लेकिन यह सरकार आदिवासी विरोधी हैं।'

गुजरात के केवड़िया में वहाँ के स्थानीय ग्रामीण किसान आदिवासियों की जमीन को सरकार थताकथित विकास के नाम पर लेकर विस्तापन के जरिये उजाड़ रही हैं। हम लंबे समय से केवड़िया के आदिवासियों की जमीन को बचाने के लिए विरोध कर रहे हैं। लेकिन यह सरकार आदिवासी विरोधी हैं।#BJP_हटाओ_केवडिया_बचाओ

— Tribal Army (@TribalArmy)

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