हरियाणा मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में उतरवाये महिलाओं से कपड़े

Update: 2017-10-07 20:22 GMT

एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं का नारा दे रहे हैं वहीं उनके मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में उनके दुपट्टे उतरवाये जा रहे हैं

जनज्वार, हरियाणा। आज 7 अक्टूबर को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर प्रदेश की स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में भीवानी जिले में आये थे। हरियाणा की स्वर्ण जयंती के अवसर पर पंचायत प्रतिनिधि कार्यक्रम में सैंकड़ों की संख्या में पुरुषों के अलावा महिलाएं भी पहुंची थी।

लेकिन मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम में पहुंची महिलाओं को इस बात का इल्म नहीं था कि वे जो काली चुन्नी और दुपट्टे पहन कर आयी है वे उनके लिए मुसीबत बन जाएंगे। पुलिस ने कार्यक्रम में जाने से पहले महिलाओं की काली चुन्नी, दुपट्टे उतरवा लिए। (फोटो में दिख रहे कपड़े उन्हीं महिलाओं के हैं, जिन्हें यह उतारने के बाद ही मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में जाने की इजाजत मिली।)

मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में महिलाओं की इज्जत उतारी जा रही थी। मुख्यमंत्री को काले रंग से इतना डर लगता है तो उन्हें ऐसे कार्यक्रमों में शिरकत ही नहीं करनी चाहिए। मुख्यमंत्री के सुरक्षा में लगे सिक्योरिटी वालों को इस बात का डर था कि कहीं कोई काली चुन्नी या दुपट्टा लेकर मुख्यमंत्री का विरोध न कर दे।

एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं का नारा दे रहे हैं वहीं उनके मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में उनके दुपट्टे उतरवाये जा रहे हैं। इस कार्यक्रम में एक या दो महिलाओं के साथ ऐसा नहीं हुआ बल्कि सैंकड़ों महिलाओं को अपना दुपट्टा उतार कर कार्यक्रम में जाना पड़ा।

आप खुद ही सोचिये महिलाओं को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में बिना दुपट्टे के बैठना पड़ा होगा। सीएम के कार्यक्रम में आयी किसी मां, किसी बेटी और किसी बहन को अपना आंचल उतरना पड़ा। हम आप पर ही ये छोड़ते हैं कि आप ही तय करें कि इस महिलाओं के साथ ऐसा बर्ताब करने वालों को लेकर आपका क्या विचार है।

यह दृश्य भी मुख्यमंत्री के उसी भिवानी कार्यक्रम की है, जिसमें घुसने की इजाजत तब मिली जब औरतों और लड़कियों ने अपनी चुन्नी उतार दी। मुख्यमंत्री के सुरक्षागार्ड, पुलिस वाले और समर्थक इस वीडियो में धक्का मारकर जिसे भगा रहे हैं, वह पांच बार कराटे में इंटरनेशनल खिलाड़ी रह चुकी प्रियंका हैं। प्रियंका भिवानी के बावड़ी गेट की रहने वाली हैं। उन्हें 2011 में आश्वासन दिया गया था कि सरकार उन्हें इंस्पेक्टर की नौकरी देगी। अन्य सरकारों की तरह हरियाणा सरकार भी खिलाड़ियों को योग्यतानुसार नौकरी देती है। हरियाणा में सरकारी नौकरियों में आने वाली महिलाओं में 50 फीसदी से उपर खेल कोटे से ही है। पर इतने साल बाद भी प्रियंका की कोई सुनवाई नहीं है। प्रियंका का कहना है कि उनके साथ यह अत्याचार और बेकद्री दलित की बेटी होने की वजह से है। वह घर में सबसे बड़ी हैं और उनको परिवार चलाने  के लिए नौकरी की सख्त आवश्वकता है। 

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