कोरोना वायरस के खिलाफ प्रभावी हो सकता है एंटी वायरल ड्रग रेमेडिसविर : ICMR

Update: 2020-04-14 09:03 GMT

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने कहा, कोरोना वायरस को रोकने में प्रभावी हो सकता है रेमेडिसविर, इबोला के प्रकोप के दौरान हुआ था इस ड्रग का इस्तेमाल...

जनज्वार। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने सोमवार को कहा कि एंटीवायरल ड्रग रेमेडिसविर COVID-19 का कारण बनने वाले SARS-CoV-2 को रोकने में अत्यधिक प्रभावी हो सकता है। इस ड्रग का इस्तेमाल इबोला के प्रकोप के दौरान इस्तेमाल किया गया था।

ईसीएमआर ने कहा कि COVID-19 के उपचार में इसकी प्रभावकारिता पर शोध WHO के 'सॉलिडैरिटी ट्रायल' का एक हिस्सा है।

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न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, तीन गंभीर रूप से बीमार कोरोनोवायरस संक्रमित रोगियों में से दो, जो ऑक्सीजन समर्थन पर या वेंटिलेटर पर थे, जब उन्हें उपचार कराया गया तो सुधार के संकेत मिले।

ध्ययन पर टिप्पणी करते हुए आईसीएमआर के प्रमुख महामारी विज्ञान और संचारी रोगों के प्रमुख रमन आर गंगाखेडकर ने कहा कि वह दवा जो इबोला वायरस के खिलाफ इस्तेमाल की गई थी। शोधकर्ताओं के अनुसार, कोरोनावायरस के प्रजनन में बाधा उत्पन्न होती है, यही वजह है कि वे मानते हैं कि यह COVID-19 उपचार में प्रभावी हो सकता है।

हाल ही में COVID-19 उपचार के लिए रेमेडिसविर के उपयोग पर किए गए अध्ययन में क्लिनिकल ट्रायल नहीं है लेकिन एक अवलोकन अध्ययन में पाया गया कि इस दवा से उपचार के बाद तीन रोगियों में से 68 प्रतिशत या दो को वेंटिलेटर समर्थन की आवश्यकता नहीं थी या ऑक्सीजन सपोर्ट की उनकी आवश्यकता कम हो गई। हम डब्ल्यूएचओ सॉलिडैरिटी ट्रायल के माध्यम से आगे के घटनाक्रम के बारे में जानेंगे।

न्होंने आगे कहा कि गिलाद साइंसेज इंक द्वारा विकसित रेमेडिसविर वर्तमान में देश में उपलब्ध नहीं है और सरकार यह देखने के लिए काम कर रही है कि क्या कोई दवा कंपनी इसका निर्माण कर सकती है।

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कोरोनावायरस के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 324 हो गई और सोमवार को देश में मामलों की संख्या 9,352 हो गई। सोमवार शाम तक विभिन्न राज्यों द्वारा बताए गए आंकड़ों के मुताबिक कम से कम 9,975 मामले सामने आए और 346 मौतें हुईं।

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