उत्तराखण्ड के कालूसिद्ध गांव में धूमधाम से मना सावित्रीबाई फुले का जन्मदिन

Update: 2018-01-03 19:07 GMT

जिन मूल्यों व समतामूलक समाज की स्थापना के लिये सावित्रीबाई ने अपने पूरे जीवन में संघर्ष किया, उसकी स्थापना देश में आजादी के सत्तर साल बाद भी नहीं हो पाई है...

रामनगर, जनज्वार। उत्तराखण्ड के कुमायूं मण्डल के रामनगर कस्बे में पहली बार देश की पहली महिला शिक्षक व समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले का जन्मदिन कालूसिद्ध क्षेत्र में धूमधाम से मनाया गया। महिला एकता मंच के पहल पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान गांव में जनसभा व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

आज रामनगर में कड़कड़ाती ठंड के बावजूद बड़ी संख्या में महिलाओं ने कार्यक्रम में हिस्सेदारी कर सावित्रीबाई के पदचिन्हों पर चलने व देश में सभी के लिये समान, निशुल्क, वैज्ञानिक शिक्षा व सम्मानजनक रोजगार की गारंटी के लिये संघर्ष किये जाने का संकल्प दोहराया।

शान्ति मेहरा की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान आयोजित जनसभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि जिन मूल्यों व समतामूलक समाज की स्थापना के लिये सावित्रीबाई ने अपने पूरे जीवन में संघर्ष किया, उसकी स्थापना देश में आजादी के सत्तर साल बाद भी नहीं हो पाई है।

सावित्रीबाई के शिक्षा के क्षेत्र में किये गये कार्यों की चर्चा करते हुये वक्ताओं ने कहा कि आज देश में भाजपा-कांग्रेस सरकारों द्वारा गरीबों व अमीरों के लिये अलग-अलग स्कूल खोलकर दोहरी शिक्षा प्रणाली के माध्यम से गैरबराबरी को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसके खात्मे के लिये एक देशव्यापी जनांदोलन की आवश्यता है।

समारोह में मौजूद महिलाओं ने सावित्रीबाई के संघर्ष से प्रेरणा लेकर उनके पदचिन्हों पर चलते हुये समाज में व्यापक बदलाव का भी संकल्प लिया।

कार्यक्रम को विद्यावती आर्य, ललिता रावत, तनुजा, सरस्वती जोशी, नरीराम स्नेही, महेश जोशी, मुनीष कुमार, रमेश आर्य, किशन शर्मा, इन्द्रजीत सिंह, ललित उप्रेती, शान्ति मेहरा समेत कुछ अन्य वक्ताओं ने भी सम्बोधित किया।

इस दौरान दीपा देवी, भगवती देवी, कमला देवी, किरन देवी, मुन्नी देवी, प्रभात ध्यानी, मनमोहन अग्रवाल, कैसर राणा, बालम मेहरा, बालकिशन चौधरी, राकेश कुमार, जगन्नाथ, कमल सिंह, कान सिंह समेत दर्जनों लोग मौजूद रहे।

Similar News