मंगरवाल को इरफान खान की तबीयत अचानक बिगड़ जाने से उन्हें मुंबई स्थित कोकिलाबेन अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराय गया था...
मुंबईः मशहूर अभिनेता इरफान का निधन हो गया है. मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. इरफान खान को मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में कोलोन इन्फेक्शन के कारण भर्ती कराया गया था. उनका आईसीयू में इलाज चल रहा था.
हाल ही में इरफान की मां का निधन हुआ है। अभिनेता की मां सईदा बेगम ने शनिवार (25 अप्रैल) को जयपुर में अंतिम सांस ली। हालांकि, देशव्यापी लॉकडाउन के बीच इरफान मां के अंतिम संस्कार में नहीं जा पाए। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही अपनी ओर से प्रार्थना की।
इरफान की निधन सुनते ही बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई. सोशल मीडिया पर लोग इरफान को याद कर रहे हैं और उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दे रहे हैं.
डायरेक्टर शूजीत सरकार ने ट्वीट कर लिखा- 'मेरा प्यारा दोस्त इरफान. तुम लड़े और लड़े और लड़े. मुझे तुम पर हमेशा गर्व रहेगा. हम दोबारा मिलेंगे. सुतापा और बाबिल को मेरी संवेदनाएं. तुमने भी लड़ाई लड़ी. सुतापा इस लड़ाई में जो तुम दे सकती थीं तुमने सब दिया. ओम शांति. इरफान खान को सलाम.'
अमिताभ बच्चन ने लिखा, अभी-अभी मुझे इरफान खान के निधन की खबर मिली है. यह बहुत ही परेशान करने वाली और दुखद खबर है.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्विटर पर लिखा, 'इरफ़ान खान एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी अभिनेता थे। उनके निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ। उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। शांति'
एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने लिखा, इरफान खान के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ, उनकी गणना हमेशा भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेताओं में की जाएगी.
राहुल गांधी ने लिखा, 'मुझे इरफान खान के निधन की खबर सुनकर बुरा लगा। वह काफी प्रतिभावान ऐक्टर थे। वह भारतीय फिल्म जगत के ऐसे कलाकार थे जो दुनियाभर में मशहूर थे। उन्हें बहुत याद किया जाएगा। उनके परिवार, दोस्तों और फैंस को मेरी सांत्वना।'
बता दें 2018 में इरफान खान को न्यूरोइंडोक्राइन ट्यूमर का पता चला था। लंदन में उनका इलाज चल रहा था। उनकी तबीयत में सुधार होने के बाद वह भारत वापस आ गए थे।
इरफान का जन्म जयपुर में हुआ था. खान ने एनएसडी में अभिनय की बारिकियां सीखीं. उन्होंने अपने सफर की शुरुआत छोटे पर्दे से शुरू की. बॉलीवुड में उन्हें पहचान बनाने लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा था. 2003 में आई फिल्म हासिल उनके करियर के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हुई थी जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
इरफान की गिनती देश के दिग्गज अभिनेताओं में की जाती है. उन्होंने हमेशा चुनौतिपूर्ण भूमिकाओं को चुना और हर बार अभिनय का एक नया मापदंड स्थापित करते चले गए.
पान सिंह तोमर, पीकू, लंचबॉक्स, हिंदी मीडियम, तलवार जैसी कई फिल्मों में उन्होंने अभिनय के शिखर को छुआ. उनकी सफलता सिर्फ बॉलीवुड तक ही सीमित नहीं रही उन्होंने -स्लमडॉग मिलेनिमय, लाइफ ऑफ पाई जैसी फिल्मों में अभिनय किया.
अपने करियर में वह कई पुरस्कारों से सम्मानित हुए जिनमें राष्ट्रीय पुरस्कार और फिल्मफेयर अवॉर्ड शामिल हैं. उन्होंने 2011 में पदमश्री से भी नवाजा गया था.