जातिगत उत्पीड़न से तंग गोरखपुर विश्वविद्यालय के दलित शोध छात्र ने की आत्महत्या की कोशिश

Update: 2018-09-20 17:20 GMT

जातिगत उत्पीड़न से तंग था आत्महत्या की कोशिश करने वाला शोध छात्र दीपक कुमार, दर्शन शास्त्र के हेड द्वारिका प्रसाद श्रीवास्तव और डीन प्रोफेसर चंद्रप्रकाश श्रीवास्तव देते थे जातिगत गालियां, जान से दी मारने की धमकी, कॉलर पकड़ के पीटा भी, वीसी को पीड़ित छात्र ने की जब लिखित शिकायत तो वीसी ने आरोपी को ही बना दिया जांच अधिकारी

जनज्वार, गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर विश्वविद्यालय में एक दलित शोध छात्र को जातिवादियों ने इतना प्रताड़ित किया कि उसे आत्महत्या की कोशिश करनी पड़ी। फिलहाल छात्र गोरखपुर ​मेडिकल कॉलेज में गंभीर हालत में भर्ती है और मौत व जिंदगी के बीच जूझ रहा है।

गौरतलब है कि शोध छात्र दीपक कुमार को गोरखपुर विश्वविद्यालय के दर्शन विभाग के हेड द्वारिका प्रसाद श्रीवास्तव और डीन प्रोफेसर चंद्र प्रकाश श्रीवास्तव उसे न सिर्फ गालियां देते थे, बल्कि ये दोनों श्रीवास्तव बंधू शोध छात्र दीपक कुमार का शोध नहीं पूरा करने देने पर तुले हुए थे।

आत्महत्या की कोशिश में आज जहर पीने के बाद अस्पताल में भर्ती दीपक ने अपने बयान में बहुत साफ कहा है,

'प्रो चंद्रप्रकाश श्रीवास्तव और फिलासफी के हेड प्रो द्वारिका प्रसाद श्रीवास्तव मुझे प्रताड़ित कर रहे हैं, इसलिए मैंने तंग आकर जहर खाया है। प्रोफेसर चंद्रप्रकाश श्रीवास्तव और द्वारका प्रसाद श्रीवास्तव दोनों मुझे शोध नहीं करने दे रहे। मुझे गालियां देते थे कि चमार जाति का है साला। मैंने कुलपति को भी पत्र लिखा लेकिन कुलपति ने भी कोई एक्शन नहीं लिया। कुलपति ने उल्टा उसी को जांच अधिकारी बना दिया। बार—बार प्रताड़ित किया जा रहा है। 18 तारीख को मेरी हत्या की धमकी दी गयी और कॉलर पकड़ के मारा गया। मैंने प्रोफेसर चंद्रप्रकाश श्रीवास्तव और द्वारका प्रसाद श्रीवास्तव के कारण जहर पीया है।'

इस मामले में वीसी भी बराबर के दोषी हैं, क्योंकि छात्र ने ​वीसी को दो बार इस मामले में शिकायत की थी पर उन्होंने कोई कार्यवाही नहीं की। अलबत्ता जांच की खानापूर्ति के नाम पर जांच आरोपी प्रोफेसर चंद्रप्रकाश श्रीवास्तव को ही सौंप दिया।

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