दर्द से तड़पती मुस्लिम गर्भवती महिला पर कोरोना फैलाने का आरोप लगा अस्पतालकर्मियों ने की पिटाई, बच्चे की मौत

Update: 2020-04-19 12:59 GMT

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गर्भवती महिला ने सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर जमशेदपुर स्थित एमजीएम हॉस्पिटल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला का कहना है कि वह ब्लीडिंग की स्थिति में अस्पताल पहुंची थीं, लेकिन वहां स्टाफ ने उन पर कोरोना वायरस फैलाने के आरोप लगा दिए...

जनज्वार। झारखंड के जमशेदपुर से एक ऐसी खबर सामने आ रही है जिसने एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। दरअसल एक गर्भवती महिला ने आरोप लगाया है कि वह ब्लीडिंग की स्थिति में महात्मा गांधी मेमोरियल (MGM) मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंची, लेकिन वहां के स्टाफ ने उस पर कोरोना फैलाने का आरोप लगा दिया। महिला ने अस्पताल की एक महिला स्टाफ नर्स या डॉक्टर भी हो सकती है, पर आरोप लगाया है कि उसने उन्हें बुरी तरह पीटा।

र्भवती महिला ने सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर जमशेदपुर स्थित एमजीएम हॉस्पिटल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला का कहना है कि वह ब्लीडिंग की स्थिति में अस्पताल पहुंची थीं, लेकिन वहां अस्पताल के स्टाफ ने उन पर कोरोना वायरस फैलाने के आरोप लगा दिए। महिला का कहना है कि अस्पताल की लापरवाही की वजह से पेट में पल रहे उनके बच्चे की मौत हो गई।

हिला ने हेमंत सोरेने को लिखे पत्र में लिखा है कि फर्श पर फैले खून को साफ करने में मुझे कुछ समय लगा, तो उसे अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा चप्पलों से पीटा गया और मुझे धर्म के आधार पर कोरोनोवायरस फैलाने का आरोप लगाते हुए भद्दी भद्दी गालियां दीं। उस समय मैं दर्द से तड़प रही थी, मुझे लगातार रक्तस्राव हो रहा था, इसलिए वहां से हम सीधे एक निजी अस्पताल गये, जहां डॉक्टरों ने बताया कि मेरे बच्चे की मौत हो चुकी थी।

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'द इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक, महिला ने अपने पत्र में लिखा है, 'मैं रिजवाना खातून एक गर्भवती महिला हूं। 16 अप्रैल 2020 को 1:OO PM पर अचानक मुझे ब्लीडिंग शुरू हो गई। मैं परेशान होकर आनन-फानन में अपने भाई के साथ एमजीएम अस्पताल पहुंची। उस वक्त भी ब्लीडिंग जारी थी।'

Full View ने आगे लिखा है, 'वहां की एक महिला स्टाफ नर्स या (जो) डॉक्टर भी हो सकती है, उसने मुझे नाम और धर्म से जोड़कर भद्दी-भद्दी गालियां दीं और मुझसे कहा कि जो खून जमीन पर गिराया है उसे साफ करो। कोरोना फैलाती हो। उस महिला ने चप्पल निकालकर मुझे बुरी तरह पीट दिया।'

रिजवाना ने बताया है कि इसके बाद वह टी खान नर्सिंग होम, मानगो गईं, जहां उनकी जांच के बाद बच्चे की मौत की जानकारी दी गई।

पने पत्र में रिजवाना ने आगे लिखा है, 'मैं दावे के साथ कह सकती हूं मेरी जांच एमजीएम अस्पताल के चिकित्सकों ने गंभीरतापूर्वक की होती तो बच्चे की मौत पेट में नहीं होती। डॉक्टर की लापरवाही, वहां की व्यवस्था, मेरे साथ हुई मारपीट की घटना ने मुझे शर्मसार कर दिया है।' पत्र के आखिरी हिस्से में रिजवाना ने इस मामले में कार्रवाई का अनुरोध किया है।

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स मामले पर एमजीएम हॉस्पिटल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट डॉक्टर नकुल चौधरी ने कहा है, 'अभी हमने (मामले की) जांच नहीं की है। अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।'

Full View कहा कि अस्पताल में इस तरह की घटनाएं नहीं होती हैं, जो भी होगा, जांच के बाद पता चल जाएगा। झारखंड पुलिस ने इस मामले का संज्ञान लिया है और जमशेदपुर एसएसपी से मामले की जांच करने के लिए कहा गया है।

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