आइशी घोष : दिल्ली पुलिस से न डरें, मेरे ऊपर कैसे हमला हुआ इसके सबूत हैं

Update: 2020-01-10 14:19 GMT

आइशी घोष ने आज मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों से की मुलाकात, दिल्ली पुलिस की ओर से नौ संदिग्धों में नाम शामिल होने पर उन्होंने कहा- मेरे पास हमले के सबूत, दिल्ली पुलिस से न डरें...

जनज्वार। दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में बीते रविवार 5 जनवरी को हुई हिंसा के मामले में जिन नौ संदिग्धों का नाम शामिल किया गया है उनमें से एक जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष का नाम भी शामिल है। इसको लेकर आइशी घोष ने कहा कि दिल्ली पुलिस अपनी जांच कर सकती है लेकिन मेरे पास इस बात के सबूत हैं कि मेरे ऊपर कैसे हमला किया गया। दिल्ली पुलिस को सभी सबूतों को जनता के सामने सार्वजनिक करने चाहिए।

घोष से जब सवाल किया गया कि क्या दिल्ली पुलिस की जांच निष्पक्ष होगी तो इस पर उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस जांच कर सकती है। मेरे पास भी सबूत हैं कि कैसे मेरे ऊपर हमला किया गया। मुझे देश की कानून-व्यवस्था पर पूरा भरोसा है इसलिए जांच निष्पक्ष हो। मुझे न्याय मिलेगा। लेकिन दिल्ली पुलिस क्यों पक्षपाती है? मेरी शिकायत को एफआईआर के रूप में नहीं दर्ज किया गया। मैने कोई हमला नहीं किया है।

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मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव अमित खरे ने शुक्रवार को आइशी घोष से मुलाकात की। इस पर आइशी ने बताया कि मंत्रालय ने मामले में सकारात्मक हस्तक्षेप का आश्वासन दिया है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द ही इस मामले पर एक परिपत्र जारी करेंगे।

Full View ने आगे कहा कि हमने कुछ गलत नहीं किया है। हम दिल्ली पुलिस से नहीं डरते। हम कानून के साथ खड़े होंगे और शांतिपूर्वक और लोकतांत्रिक तरीके से अपने आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे।

जेएनयू के कुलपति एम. जगदीश कुमार के बारे में बात करते हुए आइशी ने कहा कि जेएनयूएसयू अपनी मांगों पर कायम है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात के बाद घोष ने कहा कि फीस वृद्धि के खिलाफ आंदोलन का आह्वान करने पर कोई निर्णय बाद में लिया जाएगा।

जेएनयूएसयू की अध्यक्ष ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय के छात्रों के संघ ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय से एफआईआर और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गई प्रॉक्टोरियल जांच में हस्तक्षेप करने की मांग की है।

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घोष ने कहा कि हमारी मांग जेएनयू के वाइस चांसलर का इस्तीफा मांग रहे हैं। हम हम काउंसलर और पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और आंदोलन को बंद करने या न करने का आह्वान करेंगे। हमने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतिम फैसले के इंतजार में अपनी बातों को आगे रखा है।

Full View घोष ने आगे कहा हमारी मांग है कि जेएनयू के वाइस चांसलर को तुरंत पद से हटाया जाए क्योंकि वह विश्वविद्यालय को चलाने में सक्षम नहीं हैं। हमें एक ऐसे वाइस चांसलर की जरूरत है जो कैंपस को नये सिरे से चलाने और सामान्य स्थिति लाने में मदद कर सके।

ता दें कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई हिंसा के पांच दिन बाद दिल्ली पुलिस ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि उन्होंने नकाबपोश गुंडों द्वारा हमले के मामले में 'नौ संदिग्धों' की पहचान कर ली है।

डीसीपी क्राइम जॉय तिर्की और हिंसा की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल के प्रमुख ने संदिग्धों की उन तस्वीरों को जारी किया, जो उन्होंने मोबाइल रिकॉर्डिंग से प्राप्त किए थे।

न्होंने हिंसा के लिए ज़िम्मेदार होने के नाते वाम समूहों पर निशाना साधा लेकिन एक बार भी एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) का जिक्र नहीं किया। इससे पहले पुलिस ने हिंसा को दो समूहों के बीच 'संघर्ष' बताया था।

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