मोदी सरकार ने 3 साल में बदले 3 आरबीआई गवर्नर

Update: 2018-12-11 16:53 GMT

उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद अपने खासमखास शक्तिकांत दास को मोदी सरकार ने बनाया आरबीआई गवर्नर....

जनज्वार। कल 10 दिसंबर को आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव और वित्त आयोग के मौजूदा सदस्य शक्तिकांत दास को आरबीआई का नया गवर्नर बनाया गया है। 61 वर्षीय शक्तिकांत का कार्यकाल 3 साल का होगा और वह आरबीआई के 25वें गवर्नर होंगे।

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक मोदी सरकार से तमाम मसलों पर असहमति होने के बाद उर्जित पटेल ने इस्तीफा दे दिया था।

आरबीआई के नए गवर्नर शक्तिकांत दास 1980 बैच के तमिलनाडु कैडर के आईएएस हैं। 2015 से 2017 के बीच शक्तिकांत इकोनॉमिक अफेयर्स सेकेट्री थे।

मीडिया में हालांकि शक्तिकांत दास को मोदी सरकार द्वारा नया आरबीआई गवर्नर बनाए जाने पर तमाम सवाल उठने शुरू हो गए हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने 2017 में मोदी सरकार द्वारा आधी रात को किए गए नोटबंदी के फैसले का समर्थन किया था। यही नहीं शक्तिकांत दास ने पिछले साल ग्लोबल रेटिंग एजेंसियों की मेथडोलॉजी पर भी सवाल खड़े किए थे।

शक्तिकांत दास मोदी सरकार के वित्तमंत्री अरुण जेटली के खासमखास माने जाते हैं। जेटली अनेकों बार मीडिया के सामने दास के प्रशासनिक कार्यकौशल की जमकर तारीफ़ कर चुके हैं। माना यह भी जाता है कि 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री मोदी ने जब आधी रात को नोटबंदी की थी, उससे पहले नोटबंदी पर जिस ख़ास टीम ने काम किया था, उसमें दास की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी।

बतौर केंद्रीय आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास काफी पावरफुल माने जाते थे। पिछले दिनों दास ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सेदारी की थी।

सरकार से तकरार के चलते इस्तीफा देने वाले आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल रघुराम राजन के हटने के बाद 2016 में गवर्नर बने थे। हालांकि पटेल ने इस्तीफे की वजह निजी बताई, मगर जिस तरह की स्थितियां इस बीच सरकार और पटेल के बीच रही उसने सच खुद—ब—खुद सामने ला दिया है।

24वें गवर्नर के बतौर उर्जित का कार्यकाल 1992 के बाद सबसे छोटा रहा है। उनका तीन साल का कार्यकाल पूरा होने में अभी 9 महीने बचे हुए थे। रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भी उर्जित पटेल के इस्तीफे को हर भारतीय के लिए गंभीर चिंतन का विषय करार दिया।

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