शाम तक पार्टी टूट जाती इसलिए 10 बजे नीतीश लेंगे शपथ

Update: 2017-07-27 08:23 GMT

मोदी ने तैयार की थी स्क्रिप्ट, नीतीश सिर्फ मुख्यमंत्री बने रहने की शर्त पर भाजपा के लिए हर रोल करने को तैयार

जनज्वार। कल रात जब नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया उसके बाद पार्टी के नजदीकी सूत्र और विश्लेषक मान रहे थे कि जदयू अध्यक्ष शरद यादव नीतीश के इस फैसले से सहमत नहीं होंगे और वह कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। बड़े फैसले में अंदेशा इस बात का था कि वह पार्टी के करीब 25 विधायकों को लेकर नयी पार्टी बना सकते हैं।

पर इस बात की भनक लगते ही नीतीश ने सबकुछ अपने पाले में पलट लिया और इस समय राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की हालत 'काटो तो खून नहीं' की हो गयी है। क्योंकि लालू ने भी हफ्ते दिन पहले अपनी रणनीति बना ली थी कि वह शरद को अपने साथ लाकर बिहार की रानजीति में फिर से नया अवतार लेंगे।

बहरहाल, खुद को सुचिता और ईमानदारी के राजनीति के पैरोकार बताने वाले नीतीश कुमार के यहां जनतंत्र की हालत यह है कि उन्होंने इस्तीफा देने के बाद से जदयू विधायकों को कैद कर रखा है। उन्हें संदेह है कि वे बाहर निकलते ही जदयू अध्यक्ष शरद यादव से संपर्क कर विधायक पार्टी तोड़ देंगें या लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद के समर्थन में सरकार बनाने की कोशिश में जुट जाएंगें।

कल रात नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के मात्र 15 मिनट के भीतर जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी का नीतीश के इस्तीफे का स्वागत करते हुए ट्वीट आया उसने बता दिया था कि आगे की स्क्रिप्ट में और कौन—कौन से मोड़ आएंगे।

हालांकि डर इतना बड़ा होगा कि शाम पांच बजे होने वाले शपथ ग्रहण को दिन के 10 बजे करना पड़ेगा, यह सबके लिए आश्चर्य है। नीतीश कुमार में खुद को सत्ताधारी बनाए की ललक इस कदर है कि कल तक उनको आदर्श के रूप में देख रहे लोग भी सकते में हैं।

पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, 'तेजस्वी यादव तो बहाना था, नीतीश को बीजेपी के साथ जाना था।'

कल राज्यपाल भवन पहुंचे तेजस्वी को बैरन आना पड़ा क्योंकि राज्यपाल ने आरजेडी नेताओं की एक न सुनी।

राज्यपाल ने आरजेडी नेताओं को बता दिया कि वह पहले ही जेडीयू को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर चुके हैं और वे इस फैसले को नहीं टालेंगे। इस पर मीडिया से पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कानूनी सलाह लेकर अदालत जाने की बात कही, जिससे नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण को कुछ दिन आगे खिसकाया जा सके।

इसकी भनक जैसे ही नीतीश और उनके लोगों को हुई उन्होंने लालू यादव को कोर्ट जाने का चांस नहीं दिया और अदालत का दरवाजा खुलने से पहले की सुबह 10 बजे एनडीए के नए मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश कुमार का शपथ लेना तय हो गया।

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