मोदी सरकार को मुस्लिम विरोधी बताने वाले मानवाधिकारों के बड़े पैरोकार जस्टिस राजेंद्र सच्चर का निधन

Update: 2018-04-20 13:05 GMT

जनज्वार, दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस और सच्चर कमेटी के चेयरमैन रहे राजेंद्र सच्चर का आज निधन हो गया है। इलाज के दौरान 94 साल में दिल्ली के एक प्राइवेट अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांसें लीं। 

आज शाम 5.30 बजे लोधी रोड के विद्युत शहदाहगृह में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

राजेंद्र सच्चर को मानवाधिकार के बड़े पैरोकार के तौर पर देखा जाता था. 20 दिसंबर 1923 को पैदा हुये राजेंद्र सच्चर के दादा भी लाहौर के बड़े वकील थे। 

सच्चर ने लाहौर से वकालत की पढ़ाई की थी और 1952 में उन्होंने शिमला से अपने वकालती पेशे की शुरुआत की। 8 दिसंबर 1960 से उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में वकालत करना शुरु किया। सबसे पहले वो चर्चा में तब आए थे जब उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री पंजाब सिंह कैरो के खिलाफ प्रजातांत्रिक पार्टी को अपना समर्थन दिया था।

12 फरवरी 1970 को पहली बार दिल्ली हाईकोर्ट में जज नियुक्त किए गए। उसके बाद 1975 में सिक्किम हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य जज बनाए गए। 1976 में राजस्थान हाईकोर्ट के जज बने, मगर यह उनकी सहमति के बगैर नहीं था, तो उन्होंने राजस्थान हाईकोर्ट जाने का विरोध किया था।

मानवाधिकार संगठन पीयूसीएल से जुड़े सच्चर के साथ 2005 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुस्लिमों की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति के मद्देनजर एक समिति गठित की थी। यह पहली बार हुआ था कि मुस्लिमों की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति को लेकर कोई रिपोर्ट संसद में पेश की गई, जोकि अब एक मील का पत्थर बन चुकी है।

राजेंद्र सच्चर ने मोदी सरकार पर बयान दिया था कि देश में मुसलमान मोदी शासन में दहशत में जी रहे हैं। मोदी सरकार में मुसलमान डरे हुए हैं। मोदी ने मुसलमानों की बेहतरी के बजाय उनमें दहशत पैदा की जा रही है।

राजेंद्र सच्चर ने कहा था कि खुद को हिंदू कहलाने वाले लोग आमिर और शाहरुख को देश छोड़ने की नसीहत देते हैं, क्योंकि वह मुसलमान हैं। यह अपने आप में असहिष्णुता है, मोदी सरकार मुसलमानों की तरक्की और सुरक्षा मामले में फेल है।

मुसलमानों को आरक्षण देने के हिमायती जस्टिस सच्चर ने कहा था कि मुसलमानों के साथ हो रही दोहरी नीति पर मोदी सरकार कोई शर्म नहीं महसूस करती, बल्कि मुसलमानों में फैल रहे डर और दहशत के लिए मोदी सरकार जिम्मेदार है। मुस्लिमों के अंदर से डर कम करने की सरकार ने कोई पहल नहीं की है।

जस्टिस सच्चर ने कहा था कि मोदी सरकार बार-बार यह जताने की कोशिश कर रही है कि केंद्र सरकार सिर्फ हिंदुओं की है, हिंदुओं के अलावा इस देश में किसी को भी रहने का हक नहीं है, मुसलमानों का तो खास तौर पर नहीं है।

एक इंटरव्यू में दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और सच्चर कमेटी के प्रमुख सेवानिवृत्त जस्टिस राजेंद्र सच्चर ने आशंका जतायी है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) 2019 में भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करवाएगा। देश में पिछले कुछ समय में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा के बढ़ते मामले से जुड़े एक सवाल के जवाब में जस्टिस सच्चर ने कहा था कि मेादी शासन में मुसलमानों के खिलाफ नफरत से उपजी हिंसा के मामले बढ़े हैं और ये केवल असहिष्णुता का मामला नहीं है।

Similar News