अब भाजपा को सोशल मीडिया से लगने लगा है डर

Update: 2017-09-13 08:05 GMT

ट्रोल का जो रास्ता मोदी जी की पार्टी ने पूरे देश को दिखाया अब देश उसी राह पर चल पड़ा है और खबरों को ट्रेंड कराने की कला में भक्तों से पप्पू बीस पड़ने लगे हैं...

बता रहे हैं सूरज कुमार बौद्ध

कितनी हैरत की बात है वह राजनेता जो इसी सोशल मीडिया के माध्यम से पूरे देश में अपनी बात पहुंचाने की वकालत किया करते थे, वह राजनेता जिसकी पार्टी में देश की सबसे बड़ी IT सेल स्थापित है, वह पार्टी जिसके संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा विज्ञापन में जाता है, वह पार्टी जिसके प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पूरे चुनाव के दौरान सोशल मीडिया को युवाओं से जुड़ने का माध्यम बताया करते थे, आज उन्हें युवाओं के सोशल मीडिया में दिखाई जा रही है सच्चाई से समस्या होने लगी है।

जी हां, मेरा इशारा भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की तरफ है। हाल में अमित शाह जी ने गुजरात में युवाओं को संबोधित करते हुए यह कहा कि युवाओं को सोशल मीडिया पर बीजेपी विरोधी बातों एवं प्रचार प्रसार पर भरोसा नहीं करना चाहिए। शाहजी आगे बढ़ते हुए यह भी कहते हैं कि इस तरह के प्रचार-प्रसार के पीछे कांग्रेस का हाथ है।

जब यही सोशल मीडिया जुमलेबाजी में आकर आपका प्रचार प्रसार कर रहा था तब आपको कांग्रेस क्यों दिखाई नहीं दिया जो आज दिखाई दे रहा है। आखिर क्यों अमित शाह जी?

दरअसल, शासक हमेशा यही चाहता है कि उसे सिर्फ सुनने वाली भीड़ मिले बोलने वाली नहीं। अब मोदी जी को ही देख लीजिए। साहब सिर्फ 'मन की बात' करते हैं, केवल अपने मन की बात। किसी के मन की बात सुनते नहीं हैं। क्यों ?

क्या मन की बात करने का अधिकार केवल प्रधानमंत्री के पास है? हमें आपके मन की बात से कोई समस्या नहीं है लेकिन आपको हमारे मन की बात से समस्या क्यों है? क्या इसलिए कि हम सवाल करते हैं? साहब इस देश का भिखारी भी भीख मांगने वाले कटोरे पर टैक्स देता है।

फिर हम सवाल क्यों न करें ? साहब जी, आप में सवाल करने से नहीं रोक सकते हैं। आपको इस बात पर विचार करना चाहिए कि आखिर वह कौन सा गुजरात विकास मॉडल है जिससे जनता लाचार होकर आपके विरुद्ध अभियान चलाई हुई है।

मोदी जी, जनता आपकी भक्त इसलिए नहीं हुई थी कि आपकी असफलताओं और नाकामियों को भी गले लगाए, बल्कि आपको उसने इसलिए चुना कि कांग्रेस की 6 दशक की नाकामियों और असफलताओं का आप जवाब बन सके। जनता ने आपको अपना सौ फीसदी दिया, पूरा देश भक्तों के नाम से पुकारा जाने लगा, लेकिन आपने सिवाय उसे नई और वाहियाता योजनाओं के झुनझुना थमाने के और कुछ नहीं दिया।

लोग आपकी पूंजीपरस्त नीतियों के कारण नित नए टैक्सों, आर्थिक मुश्किलों और बेकारों की जमातों में शामिल हो रहे हैं। 

अब वही झुनझुना बजाकर जनता सोशल मीडिया पर आपको, आपके चाणक्य अमित शाह और आपकी पार्टी को नचाएगी, क्योंकि भक्त आपके जरखरीद नहीं इस देश की जनता हैं, जो निराश होकर अतिउम्मीद में आपके मन की बात सुनने लगे थे।

( सूरज कुमार बौद्ध भारतीय मूलनिवासी संगठन के राष्ट्रीय महासचिव हैं।)

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