खुले में शौच करने के जुर्म में दो शिक्षक निलंबित

Update: 2017-09-13 10:25 GMT

अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं तो सावधान हो जाइए, अगर आप या आपके परिजन खुले में शौच करते हुए पाए जाते हैं तो आप पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है...

अशोकनगर। मध्य प्रदेश स्थित अशोकनगर जिले में एक शिक्षक को सिर्फ इसलिए निलंबन झेलना पड़ा है क्योंकि उसकी पत्नी खुले में शौच करते हुए पकड़ी गयी थी। जबकि एक अन्य घटना में अध्यापक खुद ही खुले में शौच करते हुए पकड़ा गया था, उसे भी तत्काल निलंबित कर दिया गया।

जनपद प्रशासन ने एक मुहिम के तहत खुले में शौच के खिलाफ एक मुहिम चलाई है, जिसके अंतर्गत आम जनता समेत अगर कोई सरकारी कर्मचारी या उसके परिजन खुले में शौच करते हुए पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

गौरतलब है कि अशोकनगर जिले के रांवसर गांव के सरकारी मास्टर प्रकाश प्रजापति को इसलिए निलंबित कर दिया गया, क्योंकि उनकी पत्नी माखनबाई 11 सितंबर की सुबह खुले में शौच करते हुए पकड़ी गई थी। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय जनपद शिक्षा केन्द्र अशोकनगर किया गया है।

माखनबाई को पकड़ने वाली स्वच्छता टीम के मुताबिक घर में शौचालय होने के बावजूद माखनबाई खुले में शौच करने गई थी, इसलिए उसके पति मास्टर प्रकाश प्रजापति को निलंबन के बतौर इसका दंड चुकाना होगा।

एक अन्य घटना में जिले के ही ईसागढ़ विकासखंड के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक विद्यालय बुड़ेरा में सहायक अध्यापक महेंद्र सिंह यादव खुले में शौच करते हुए पकड़े गए थे। उनके विरूद्ध कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित किया गया है। ग्राम सिलपटी के रहने वाले महेंद्र सिंह यादव को निलंबित करते हुए जिला शिक्षाधिकारी आदित्यनारायण मिश्रा ने आदेश दिया है कि निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय जनपद शिक्षा केन्द्र मुंगावली होगा।

अध्यापकों को निलंबित किए जाने के मामले में जिला प्रशासन का कहना है कि जिन शिक्षकों को लोगों को जागरूक करने की जिम्मेदारी दी गई है, वही शिक्षक और उनके परिजन खुले में शौच जा रहे हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी जरूरी है।

एक जिम्मेदार पद पर होने के वाबजूद शिक्षकों द्वारा शासन की महत्वकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन का उल्लंघन करना और घर में बने शौचालय का उपयोग न करना दंडनीय है।

जिला प्रशासन ने जिले को खुले में शौच से मुक्त करने की जिम्मेदारी भी अध्यापकों के ही कंधों पर डाली गई है।

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